सावन माह शुरू होने के साथ कावडिय़ों के आने का क्रम शुरू हो गया। पहली कावड़ यात्रा जब उज्जैन पहुंची तो बोल-बम के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा। कावड़ यात्रियों में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाने की होड़ के कारण आपाधापी मच गई। गर्भगृह अनुमति से अधिक लोगों ने प्रवेश कर लिया। यह यात्रा समर्पण सेवा समिति की ओर से इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी संगम से महाकाल मंदिर तक निकाली गई।
•Jul 19, 2019 / 01:39 pm•
Lalit Saxena
सावन माह शुरू होने के साथ कावडिय़ों के आने का क्रम शुरू हो गया। पहली कावड़ यात्रा जब उज्जैन पहुंची तो बोल-बम के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा। कावड़ यात्रियों में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाने की होड़ के कारण आपाधापी मच गई। गर्भगृह अनुमति से अधिक लोगों ने प्रवेश कर लिया। यह यात्रा समर्पण सेवा समिति की ओर से इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी संगम से महाकाल मंदिर तक निकाली गई।
सावन माह शुरू होने के साथ कावडिय़ों के आने का क्रम शुरू हो गया। पहली कावड़ यात्रा जब उज्जैन पहुंची तो बोल-बम के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा। कावड़ यात्रियों में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाने की होड़ के कारण आपाधापी मच गई। गर्भगृह अनुमति से अधिक लोगों ने प्रवेश कर लिया। यह यात्रा समर्पण सेवा समिति की ओर से इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी संगम से महाकाल मंदिर तक निकाली गई।
सावन माह शुरू होने के साथ कावडिय़ों के आने का क्रम शुरू हो गया। पहली कावड़ यात्रा जब उज्जैन पहुंची तो बोल-बम के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा। कावड़ यात्रियों में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाने की होड़ के कारण आपाधापी मच गई। गर्भगृह अनुमति से अधिक लोगों ने प्रवेश कर लिया। यह यात्रा समर्पण सेवा समिति की ओर से इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी संगम से महाकाल मंदिर तक निकाली गई।
सावन माह शुरू होने के साथ कावडिय़ों के आने का क्रम शुरू हो गया। पहली कावड़ यात्रा जब उज्जैन पहुंची तो बोल-बम के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा। कावड़ यात्रियों में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाने की होड़ के कारण आपाधापी मच गई। गर्भगृह अनुमति से अधिक लोगों ने प्रवेश कर लिया। यह यात्रा समर्पण सेवा समिति की ओर से इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी संगम से महाकाल मंदिर तक निकाली गई।
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