पुजारी धर्मेंद्र सदाशिव चतुर्वेदी ने बताया कि यह सबसे बड़ी अष्टमी कहलाती है। 27 नवंबर की रात को 12 बजे भैरव बाबा का पूजन-अर्चन, चोला शृंगार होगा। भैरव सहस्त्रनामावली के पाठ होंगे। 56 भोग अर्पण किए जाएंगे और बाबा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। अगले दिन २८ नवंबर को शाम 4 बजे कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सत्येंद्र शुक्ला द्वारा शासकीय पूजन और पालकी का पूजन होगा। आरती-पूजन के बाद पालकी मंदिर से परंपरागत मार्गों से रवाना होगी। भेरवगढ़ जेल के गेट पर पूजन होगा, जहां से कैदी भी अपने आराध्य देव के दशर््न करेंगे। जोरदार आतिशबाजी और धूमधाम के साथ सवारी क्षिप्रा तट सिद्धवट जाएगी, जहां आरती पूजन के बाद पुन: मंदिर लौटेगी।
दो दिन मनाया जाएगा बाबा विक्रांत भैरव का जन्मोत्सव
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भगवान भूतनाथ विक्रांत भैरव का जन्मोत्सव भैरव अष्टमी २७ व 28 नवंबर को श्रद्धा एवं उल्लास पूर्वकमनाई जाएगी। बाबा डबराल के पुत्र चन्द्रमोहन डबराल के अनुसार विक्रांत भैरव मंदिर में भैरव जयंती
धार्मिक उल्लास एवं भक्तिमय वातावरण में श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है। इस वर्ष भी विक्रांत भैरव भक्त मंडली के तत्वावधान में 27 नवंबर सुबह 9 बजे से लेकर 28 नवंबर की सुबह तक कार्यक्रमों का सिलसिला चलेगा। सुबह 9 बजे आव्हान पूजन, रुद्राभिषेक तथा आरती होगी। दोपहर 1 बजे चोला हवन एवं 2 बजे आरती, 56 भोग दोपहर 3 बजे, भक्तजनों के लिए भोजन प्रसादी, भगवान सत्य सांई भजन मंडल द्वारा संकीर्तन शाम 6 बजे, विद्यापति मिथला रामायण मंडल द्वारा रामायण पाठ शाम 7 बजे होगा। सायंकालीन पूजन के बाद आरती रात 8 बजे होगी। रात्रि पूजन, आरती रात 10 बजे होगी। रात 11 बजे भैरव भक्त मंडल द्वारा भजन प्रस्तुत किए जाएंगे। रात्रि 12 बजे हवन, महाआरती रात्रि 1 बजे होगी। रात्रि जागरण के बाद 28 को सुबह 8 बजे सुप्रभात आरती के साथ भैरव जयंती कार्यक्रम का समापन होगा।
भागसीपुरा में चार दिवसीय महोत्सव
कालभैरव अष्टमी पर भागसीपुरा स्थित चमत्कारी श्री छप्पन भैरव मंदिर में चांदी के सिंहासन पर छत्र धारण कर भेरू बाबा को विराजमान किया जाएगा, साथ ही चार दिवसीय महोत्सव 27 नवंबर तक मनाया जा रहा है। बुधवार को पं. जगदीश भट्ट के मंत्रोच्चार के साथ 11 ब्राह्मणों द्वारा रूद्राभिषेक पं. सुरेन्द्र व्यास के आचार्यत्व में हुआ। 25 नवंबर को पं. राजेश व्यास द्वारा चोला चढ़ाया जाएगा। 26 को नीरज देसाई द्वारा विशेष श्रृंगार किया जाएगा। 27 डॉ. संतोष देसाई द्वारा फूल बंगला के मनोहारी श्रृंगार के बीच 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। रात्रि में शास्त्रीय-उप शास्त्रीय गायन एवं भजन संगीत का कार्यक्रम संगीत साधकों द्वारा पं. चंद्रशेखर व्यास के संयोजन में होगा। मध्य रात्रि 12 बजे 56 दीपों से महाआरती भक्तों द्वारा की जाएगी। इस अवसर पर मंदिर में आकर्षक साज सज्जा धार निवासी भरत रावल द्वारा की जाएगी। मंदिर के मुख्य पुजारी पं. श्रीधर व्यास ने भक्तजनोंं व संगीत रसिकजनों से इस अवसर का लाभ लेने का अनुरोध किया है।