उज्जैन

महाकाल की नगरी में स्थापित होगा देश का पहला ‘जल स्तंभ’, लोगों को मिलेगी जल संरक्षण की सीख

शहर में देश का पहला ‘जल स्तंभ’ स्थापित किया जाएगा। पत्थरों से बनने वाले इस 13 फीट ऊंचे इस स्तंभ पर चारों वेदों की ऋचाओं को चांदी की कारीगरी से उकेरा जाएगा।

उज्जैनDec 11, 2022 / 08:01 pm

Faiz

महाकाल की नगरी में स्थापित होगा देश का पहला ‘जल स्तंभ’, लोगों को मिलेगी जल संरक्षण की सीख

उज्जैन. मध्य प्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन में आने वाले 27 से 29 दिसंबर के बीच अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन होने जा रहा है। इसकी तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं। खास बात ये है कि, इस मौके पर शहर में देश का पहला ‘जल स्तंभ’ स्थापित किया जाएगा। पत्थरों से बनने वाले इस 13 फीट ऊंचे इस स्तंभ पर चारों वेदों की ऋचाओं को चांदी की कारीगरी से उकेरा जाएगा। इन ऋचाओं के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। आपको बता दें कि, इस स्तंभ का अनावरण आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत करेंगे।

इस दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद और पंडित दीनदयाल शोध संस्थान की ओर से पंचमहाभूतों पर आधारित सेमिनार भी आयोजित होगा। भारतीय परंपरा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि, हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है। इन पांच तत्वों में पानी, आग, हवा, धरती और आसमान का समावेश है। ऐसे में इनका संरक्षण होना बेहद जरूरी है। इसी उद्दैश्य को लेकर उज्जैन में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय स्तर सेमिनार आयोजित किया जा रहा है।

 

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सेमिनार में ये होगा खास

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा महाकाल को जल बहुत प्रिय है, ऐसे में यहां जल तत्व पर आधारित सेमिनार आयोजित किया जा रहा है। इस सेमिनार में जल विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक गुरु अपने विचार और शोध प्रस्तुत करेंगे। इस दौरान जल संवर्धन और संरक्षण पर आधारित प्रदर्शनी और डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी। वहीं, महाकाल मंदिर प्रबंध समिति इस आयोजन के दौरान महाकाल लोक में देश का पहला जल स्तंभ स्थापित करेगी।

 

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जल स्तंभ देगा जल संरक्षण की सीख

इस संबंध में मंदिर समिति का कहना है कि, 13 फीट ऊंचा और 2 फीट व्यास का पत्थर का स्तंभ स्थापित करने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस स्तंभ पर 60 किलो चांदी चढ़ाई जा रही है। इस चांदी के आवरण पर चारों वेदों की ऋचाएं उकेरी जाएंगी। संस्कृत के साथ हिंदी में भी इनका अर्थ समझाया जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को जल संस्कृति से अवगत कराने और जल संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से ये कार्य किया जा रहा है। इस स्तंभ के डिजाइन को आर्किटेक्ट नितिन श्रीमाली द्वारा किया जा रहा है।

 

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