महाकाल के दरबार में होली की परंपरा काफी प्राचीन है। इसे लेकर पंडित और पुरोहित 15 दिन पहले से तैयारी शुरु कर देते हैं। महाकालेश्वर मंदिर के राम पुजारी ने बताया कि सभी पर्व की शुरुआत भगवान महाकाल के आंगन से होती है। 24 मार्च को सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में होलिका दहन होगा। इसके बाद संध्या कालीन आरती में जमकर गुलाल उड़ाया जाएगा।
यह भी पढ़ें- Bhojshala Survey: इन उपकरणों के साथ भोजशाला पहुंची ASI की टीम, आज मुस्लिम पक्ष भी आ गया
महाकाल के दरबार में हर्बल रंगों और फूलों से तैयार किए गए गुलाल से होली मनाई जाएगी। इसके अगले दिन 25 मार्च को देशभर में होली का पर्व मनाया जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि देशभर के शिव भक्त भगवान महाकाल के साथ होली का पर्व मनाने के लिए उज्जैन आते हैं। भगवान और भक्त के बीच अनूठी होली शिव भक्तों को वर्ष पर याद रहती है। महाकालेश्वर मंदिर में 25 मार्च की सुबह भस्म आरती में भी भगवान को गुलाल चढ़ाया जाएगा।
महाकालेश्वर मंदिर के पंडित और पुरोहित मंत्र उपचार के साथ भगवान से प्रार्थना करते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में शिव भक्त भी अनूठी परंपरा को देखने के लिए मंदिर पहुंचते हैं।