भस्म आरती में महाकाल का यह रूप
भगवान महाकाल की प्रतिदिन सुबह 4 बजे भस्म आरती होती है। इस विशेष आरती में भस्म के अलावा शृंगार भी किया जाता है। इस आरती का दर्शन करना बड़े सौभाग्य की बात होती है। पुजारी प्रदीप गुरु का कहना है, इस एक आरती में जीवन से लेकर मरण तक का दृश्य उपस्थित होता है। बाबा महाकाल निराकार से साकार और फिर साकार से निराकार रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। होली पर यहां विशेष शृंगार किया जाता है, भगवान भोलेनाथ और उनके भक्त साथ-साथ होली खेलते हैं।
भस्म आरती का अनूठा नजारा
सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती में होली के दिन अनूठा नजारा रहता है। बाबा महाकाल को रंग-गुलाल अर्पण किया जाता है। इसके बाद नंदी हॉल, पीछे बने बैरिकेड्स में बैठे भक्तों पर पिचकारियों से रंग गुलाल उड़ाया जाता है।
होली के बाद बदल जाएंगे नियम
होली के बाद महाकालेश्वर मंदिर में कुछ नियम बदल जाएंगे। महाकाल की होने वाली नियमित आरतियों का समय भी शुक्रवार से बदलेगा। भस्म आरती एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर ही होगी। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से महाकाल की आरतियों के समय में परम्परानुसार परिवर्तन होता है। यह आश्विन पूर्णिमा तक रहेगा। इसके अलावा बाबा महाकाल का ठंडे जल से स्नान प्रारंभ होगा।
इन आरतीयों का बदलेगा समय
फाल्गुन शुक्ल की पूर्णिमा पर महाकाल में होली पर्व मनने के बाद चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से दिन व शाम को होने वाली तीन आरतियों का समय बदलेगा। सुबह की दद्योदक व भोग आरती जल्दी व शाम की संध्या आरती 30 मिनट देरी से की जाएगी। पुजारी आशीष गुरु ने बताया अभी दद्योदक आरती 7.30 बजे व भोग आरती 10.30 बजे हो रही है। होली बाद पहली आरती 7 बजे व दूसरी 10 बजे हो जाएगी। शाम की आरती अभी 6. 30 बजे से होती है जो 7 बजे से होगी। यह समय अश्विन मास की पूर्णिमा तक चलेगा। ठंड के कारण पुजारी महाकाल को ठंड में गर्म जल से स्नान करा रहे थे। ऋतु परिवर्तन के साथ राजाधिराज महाकाल की दैनिक गतिविधियों में बदलाव होता है। बाबा महाकाल ६ माह गर्म और ६ माह ठंडे जल से स्नान करते हैं। इस क्रम में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा शुक्रवार (२ मार्च) से बाबा महाकाल का ठंडे जल से स्नान प्रारंभ होगा। यह सिलसिला कार्तिक मास की चौदस तक चलेगा।
यह होगा आरतियों को समय
प्रथम भस्मआरती प्रात: ०4.00 से 06.00 बजे तक
द्वितीय दद्योदक आरती . प्रात: 07.00 से 07.45 बजे तक
तृतीय भोग आरती प्रात: 10.00 से 10.45 बजे तक
चतुर्थ संध्याकालीन पूजन सायं 05.00 से 05.45 बजे तक
पंचम संध्या आरती सायं 07.00 से 07.45 बजे तक
शयन आरती रात्रि 10.30 से 11.00 बजे तक
– भस्मआरती एवं शयन आरती निर्धारित समय पर ही होगी।