गर्भग्रह प्रवेश प्रारंभ
कोरोना महामारी के कारण लंबे समय से महाकाल मंदिर में गर्भग्रह प्रवेश पर प्रतिबंध कर दिया गया था, श्रद्धालुओं को दूर से ही बाबा महाकाल के दर्शन करने होते थे, लेकिन पिछले माह हुई समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि फिर से मंदिर में गर्भगृह प्रवेश प्रारंभ किया जाए, जिसके तहत 6 दिसंबर यानि सोमवार से श्रद्धालुओं को गर्भग्रह तक प्रवेश दिया जाने लगा है।
दूध, जल, हार माला फूल और प्रसाद चढ़ा सकेंगे श्रद्धालु
अब श्रद्धालु खुद अपने हाथों से बाबा महाकाल को दूध, जल, हार माला फूल और प्रसाद चढ़ा सकेंगे। इस प्रकार कोरोना महामारी के कारण करीब 20 माह बाद श्रद्धालुओं को फिर से नजदीक से महाकाल के दर्शन करने का लाभ मिलने लगा है।
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सोमवार से दर्शनार्थियों को प्रवेश
महाकाल मंदिर में सोमवार से श्रद्धालु गर्भगृह और नंदी हॉल में प्रवेश करने लगे हैं। इसके लिए हाल ही में हुई प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था। सोमवार से दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं के प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी। 3 श्रद्धालु और महारूद्र की रसीद पर तो 5 श्रद्धालु श्रीमहाकालेश्वर भगवान के गर्भगृह से दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान श्रद्धालु केवल जलाभिषेक ही कर सकते हैं।
पुजारी या पुरोहित अपने यजमानों को सुबह 06.15 से 7.15 तक, दोपहर 1 से 3 बजे तक तथा रात 8 से 9 बजे तक 1500 रुपए की रसीद कटाकर गर्भगृह में जल अर्पित में करा सकेंगे।