बताया जा रहा है कि, संत और कथावाचक के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए संत समाज ने शिप्रा नदी के पास दत्त अखाड़े में सभा बुलाई थी। इस दौरान दोनों को बैठाकर समझाइश दी जा रही थी। इसी बीच कथावाचक आक्रोशित हो गई। उन्होंने सभा को बताया कि, संत उनसे अश्लील बातें करते हैं। उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं। इनकी फोन रिकॉर्डिंग भी है। कथावाचक का आरोप है कि, महंत उसे द्रोपदी और चंद्रमा की घटना सुनाकर अश्लील बातें किया करते थे।
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संत पर लगाए थे गंभीर आरोप
इससे पहले करीब दो दिन पूर्व वृंदावन की कथावाचक ने महंत पर छेड़छाड़ और अश्लील बातें करने का आरोप लगाया था। इसी के साथ पीड़िता ने थाने में एक आवेदन भी दिया था। हालांकि, पुलिस की जांच शुरू होने से पहले आरोपी महंत ने खेद व्यक्त किया, तो कथावाचक ने शिकायत वापस लेकर महंत को माफ भी कर दिया। कथावाचक ने आरोप लगाया था कि, रामेश्वर दास महाराज ने उनके साथ जो हरकत की, उन्होंने इसे लेकर खेद व्यक्त कर लिया है। इसपर उन्होंने महंत को क्षमा कर दिया है। संत समाज ने मुझे समझाया कि, साधु समाज की बदनामी होगी। हमारे कहने पर क्षमा कर दो। मैंने साधु-संतों के कहने पर उन्हें क्षमा किया है।
महंत ने भी लगाए आरोप
जिस समय महिला कथावाचक ने महंत रामेश्वर दास पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे, तब उसपर प्रतिक्रिया देते हुए महंत रामेश्वर दाम ने भी महिला कथावाचक पर शनि मंदिर की जमीन के लिए उन्हें फंसाने और बदनाम करने के आरोप लगाए थे। संत समाज की बैठक में महंत ने अपनी सफाई में कहा था कि, कथावाचक ने शनि मंदिर की जमीन नहीं मांगी, मैंने झूठ बोला था। जो शादी कथावाचक और ज्ञानेश्वर महाराज के कागज उन्होंने थाने में पेश किए थे, वो भी झूठे हैं। इसके बाद ही कथावाचक ने कहा था कि, उनके और रामेश्वर दास के बीच अब किसी तरह का मनमुटाव नहीं है।
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