नगर निगम ने मेला क्षेत्र को रोशन करने दिल्ली की एचपीएल कंपनी से 11 हजार 330 एलइडी लाइट खरीदी थी। टेंडर में शर्त थी कि लाइट निकालकर वापस शहर में लगाना है और कंपनी को ही 5 साल तक रखरखाव भी करना है। मेला क्षेत्र से निकली लाइट को लगाने में हुई अनियमितता की शिकायत पार्षद माया त्रिवेदी ने की थी। इनके साथ जांच टीम ने विभिन्न क्षेत्रों का दौरान कर लाइट गिनी। जांच टीम में इओडब्ल्यू उपनिरीक्षक अनिल शुक्ला, निगम कार्यपालन यंत्री रामबाबू शर्मा, विद्युत कंपनी कनिष्ठ यंत्री गौरव मांझी, लोक निर्माण विभाग व उर्जा विकास निगम यंत्री शामिल रहे।
भोपाल इओडब्ल्यू में भी प्राथमिकी दर्ज
इसी एलइडी खरीदी मामले में भोपाल इओडब्ल्यू में भी प्राथमिकी जांच पंजीबद्ध हुई है। जिसकी जांच भी उज्जैन प्रकोष्ठ को सौंपी गई है। आरोप है कि खरीदी बाजार दर से काफी अधिक में हुई है। इसी मामले में नवंबर 2017 में कांगे्रस पार्षद ने शिकायत दी थी। कुछ माह पहले ही इस मामले में जांच प्रकरण दर्ज हुआ था। अब एलइडी की संख्या का रेकॉर्ड से मिलान करने के लिए दल मौका निरीक्षण कर रहा है।
कहां कितनी एलइडी कम, जांच पूरी होना बाकी
शिकायतकर्ता त्रिवेदी के अनुसार वार्ड क्रमांक 12 में 634 में से 142 लाइट, सवारी मार्ग पर 523 लाइट की जगह 258 लाइट ही गिनती में आईं। ये क्षेत्र गोंसा दरवाजा, छोटी रपट, मुल्लापुरा, भूखी माता मार्ग, शंकराचार्य चौराहा व सवारी मार्ग में कार्तिक चौक, ढाबा रोड, पानदरीबा, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार आदि हैं। यानी जिन क्षेत्रों में 1157 एलइडी लाइट लगाना बताई गई, वहां कुल 400 लाइट मिली। इन दो क्षेत्रों में ही 700 लाइट का घोटाला हुआ है।
18 हजार व 22 हजार में खरीदी
निगम ने एचपीएल कंपनी से 120 वॉट की प्रत्येक नग एलइडी 18 हजार व 150 वॉट की 22500 रुपए में खरीदी है। शर्त अनुसार सिंहस्थ होने के बाद कंपनी को ही इन्हें शहर के खंभों पर लगाना था। ये काम हुआ लेकिन इनकी संख्या में गड़बड़झाला हुआ है। जो सभी लाइट का भौतिक सत्यापन होने के बाद पूरी तरह उजागर होगा। आशंका यह भी है कि कंपनी ने इतनी लाइट दी ही नहीं और बिल पूरे माल का बनवाकर भुगतान ले लिया।
इनका कहना
सिंहस्थ में एलइडी खरीदी व इनको निकालकर लगाने के संबंध में जांच शुरू की गई है। अन्य विभाग के इंजीनियरों के साथ हमारी टीम ने मौका निरीक्षण किया है। अभी संख्या के बारे मेंं जानकारी नहीं दे सकते। जांच पूरी होने पर ही सारे तथ्य सामने आएंगे।
राजेश रघुवंशी, एसपी इओडब्ल्यू
लाइट खंभों पर लगाने के रेकॉर्ड अनुसार मिलान किया जा रहा है। अभी कुछ ही क्षेत्र में जांच हो सकी है, पूरी गिनती होने पर वस्तुस्थिति पता लग सकेगी।
– रामबाबू शर्मा, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम