इन कंपनियों के माध्यम से खली और तेल के कारोबार की आड़ में अब तक 2 अरब रुपए का घोटाला किया जा चुका है। खास बात यह भी है कि इस दो साल पुराने मामले में खुद शिकायतकर्ता भी डिफॉल्टर निकला।
ईओडब्लू के अधिकारियों के अनुसार करीब 10 करोड़ रुपए का टैक्स बचाने के लिए फर्जी कंपनियों के नाम से लेनदेन किया गया। 200 करोड़ के इस घोटाले की EOW में दो साल पहले शिकायत की गई थी।
उज्जैन EOW के निरीक्षक अनिल शुक्ला के अनुसार सीजीएसटी को 2019 में धामनिया नीमच की अग्रवाल सोया एक्स्ट्रेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरफ से करोडों की टेक्स चोरी की सूचना मिली थी। इंदौर की कपिल ट्रेडिंग कंपनी ने इस कम्पनी के साथ 37 अन्य फर्जी कंपनियों के नाम से करोड़ों की हेराफेरी की शिकायत की।
पूरे मामले की जांच में पता चला कि अग्रवाल सोया एक्सट्रेक्ट लिमिटेड कंपनी के संचालक गोपाल सिंघल व दीपक सिंघल समेत करीब 80 लोगों ने 39 फर्जी कम्पनियां बनाई। इन बोगस कंपनियों के नाम से सोयाबीन डीओसी का फर्जी लेन-देन बताकर घोटाला किया। आरोपियों ने कूटरचित बिल, बिल्टी आदि बनाए।
बुधवार को सभी कंपनियों और उनके संचालकों के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार भी किया जाएगा। इस मामले की जिस कपिल नामक कारोबारी ने शिकायत की, वो भी आरोपी निकला। उसने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए शिकायत की थी लेकिन जांच में उसकी संलिप्तता भी पाई गई।