महाकाल दर्शन की लाइन में बिछड़ गए थे, 12 घंटे बाद मिले
परिजनों के साथ दर्शन करने आए महाराष्ट्र के भंडारा जिले के तुरसाड रोड निवासी अशोक (54) पिता दशरथ खांडेकर 12 अप्रेल की सुबह 8.45 बजे गुम हो गए थे। परिजनों ने पुलिस को बताया मंदिर में दर्शन की लाइन के दौरान अलग हो गए। इसके बाद पुलिस ने अशोक के हुलिए के आधार पर तलाश शुरू की। शनिवार दोपहर पुलिस को अर्पण जोशी ने सूचना दी कि एक व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर है जो चारधाम सागर हेयर कटिंग के पास परेशान होकर खड़ा है। इस पर पुलिस ने उससे बातचीत कर उसका नाम, पता पूछा। वह परिजन के मोबाइल नंबर नहीं बता पा रहा था। पुलिस ने संबंधित गांव के पुलिस स्टेशन से संपर्क कर परिजन के नंबर लेकर संपर्क किया। इसके बाद परिजन आए और अशोक को अपने साथ ले गए।
सोशल मीडिया पर महिला के गुम होने का मैसेज भेजा
जबलपुर की बरगी कॉलोनी निवासी अनुसुईया बाई (72) पति नोखेलाल सेन शनिवार सुबह महाकाल दर्शन करने आई थी। रामघाट पर स्नान के दौरान वह परिवार से बिछुड़ गई। तीन-चार घंटे तक परिजन नहीं मिलने पर महिला महाकाल थाना पहुंची और बताया कि उसके पास परिजनों के कोई नंबर नहीं है। इस पर पुलिस ने महिला अनुसुईया के सबंध में कंट्रोल रूम व मंदिर चौकी व सोशल मीडिया पर महिला के बिछडऩे की सूचना दी। एएसआइ चंद्रभान सिंह महिला को लेकर रामघाट गए और अनाउसमेंट करवाया। कुछ देर बाद परिजन ढूंढते आ गए। परिजनों को देखकर महिला फूट-फूट कर रो पड़ी।
रोजाना 2 से 3 दर्शनार्थी हो रहे गुम
महाकाल मंदिर दर्शन करने बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं के साथ कुछ अपने परिजनों से बिछड़ जाते हैं। महाकाल थाना पुलिस के मुताबिक रोजाना दो-तीन श्रद्धालुओं के गुम होने की सूचना मिलती है। गुम होने के अधिकांश मामले में हिंदी भाषा याद नहीं होने, होटल का नाम-पता भूलना और मोबाइल नहीं रखने के कारण आ रहे है। इसमें सर्वाधिक बच्चे, बुजुर्ग, दिव्यांग दर्शनार्थियों के गुम होने के ज्यादा मामले आ रहे हैं।
महाकाल मंदिर दर्शन आने वाले बुजुर्ग, बच्चे और मानसिक दिव्यांग लोग अक्सर गुम हो जाते हैं। एतिहायत के तौर पर इनके जेब में पता, मोबाइल नंबर की पर्ची रखना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति गुम होता है तो तुरंत उसकी सूचना पुलिस को दें।
– ओपी मिश्रा, सीएसपी