उज्जैन। मध्यप्रदेश ( madhya pradesh ) की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा ( bjp ) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ( Uma Bharti ) के महाकाल दर्शन ( mahakal darshan ) के दौरान भगवा वस्त्र पहनने का मामला सुर्खियों में आ गया है। बताया जा रहा है कि महाकाल मंदिर प्रशासन ने महिलाओं के लिए गर्भगृह में दर्शन करने वालों के लिए ड्रेस कोड लागू कर रखा है, लेकिन साध्वी उमा भारती भगवा वस्त्र धारण करके पहुंची थी। इसके बाद उन्होंने पुजारियों की तरफ से बनाए गए नियम पर तंज भी कसा।
महाकाल दर्शन के बाद जब मीडिया ने उमा भारती से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने एक के बाद एक 6 ट्वीट कर महाकाल में ड्रेस कोड का मुद्दा गर्मा दिया। उमा भारती ने मंदिर के पुजारियों पर तंज भी कसे।
गर्भगृह में महिलाओं को साड़ी जरूरी
महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के लिए महिलाओं के निर्धारित ड्रेस कोड साड़ी के बारे में सुश्री भारती ने कहा कि उन्हें पुजारियों की ओर से निर्धारित ड्रेस कोड पर कोई आपत्ति नहीं है।
उन्होंने कहा कि वे जब अगली बार मंदिर में दर्शन करने आएंगी, तब पुजारी यदि कहेंगे तो वे साड़ी पहन लेंगी। उन्होंने कहा कि यदि मंदिर के पुजारी ही उन्हें अपनी बहन समझकर मंदिर में प्रवेश के पहले साड़ी भेंट कर दें तो वे सम्मानित अनुभव करेंगी।
भारती ने कहा कि महाकाल के पुजारी युद्ध कला में भी पारंगत हैं। वे महाकाल के सम्मान की रक्षा के लिए जान न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे महान परंपराओं के रक्षकों की हर आज्ञा सम्मान योग्य है। उस पर कोई विवाद नहीं हो सकता।
इससे पहले भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती के प्रदेश प्रवास की सूचना सोमवार को दिल्ली से जारी की गई थी। नई दिल्ली से मुंबई राजधानी एक्सप्रेस से नागदा पहुंचकर वे उज्जैन पहुंचीं थीं।
और क्या लिखा ट्वीट में
-मुझे साड़ी पहनना बहुत पसंद है तथा मुझे और खुशी होगी यदि पुजारीगण ही मुझे अपनी बहन समझकर मंदिर प्रवेश के पहले साड़ी भेंट कर दें, मैं बहुत सम्मानित अनुभव करूंगी।
-दर्शन करके मंदिर से बाहर निकली तब मीडिया जगत से जुड़े कई लोग उपस्थित थे, उन्होंने बहुत सारे प्रश्न किए, किन्तु एक महत्वपूर्ण प्रश्न ड्रेस कोड के बारे में भी था।
-मैंने उसका उत्तर दिया जो इस प्रकार है- मुझे पुजारियों द्वारा निर्धारित ड्रेस कोट पर कोई आपत्ति नहीं है, मैं जब अगली बार मंदिर में दर्शन करने आउंगी, तब वह यदि कहेंगे तो मैं साड़ी भी पहन लूंगी।
मंदिर समिति ने तय किए थे ड्रेस कोड
मई 2018 में महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति ने श्रद्धालुओं, समेत फोटोग्राफरों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिए थे। सभी सेवकों को भी निर्धारित ड्रेस पहनकर आने के निर्देश दिए गए थे। नए नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई थी।
-महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती के दौरान पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को कोरी नई साड़ी पहनना अनिवार्य किया है।