84 महादेव के मंदिरों में 3 महादेव मंदिर ऐसे हैं, जिनके दर्शन मात्र से ग्रह नक्षत्रों का दोष तक समाप्त हो जाता हैं। इनमें अगस्तेश्वर महादेव, गुहेश्वर महादेव और ढूंढेश्वर महादेव शामिल हैं। आज हम आपको कार्तिक मास में उत्पन्न हुए ढूंढेश्वर महादेव के महत्व के बारे में बताने जा रहा हैं।
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ढूंढेश्वर महादेव के दर्शन से कार्तिक स्नान का फल
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84 महादेव के इस मंदिर का स्थान तीसरे नंबर पर आता है। ढूंढेश्वर महादेव को लेकर मान्यता ये है कि, इस मंदिर में महादेव के दर्शन करने भर से कार्तिक मास में स्नान करने का पुण्य प्राप्त होता है। कार्तिक पूर्णिमा पर यहां दीपदान करने का भी खास महत्व है, जिसके चलते यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दीपदान करने पहुंचते हैं।
पापों से मुक्ति
महादेव मंदिर की महिमा बेहद निराली है। मान्यताओं के अनुसार, यहां पूजन अर्चन करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। साथ ही, उसकी प्रतिष्ठा बनी रहती है। ये भी मान्यता है कि, अगर कोई व्यक्ति अपने खोए हुए सामान के वापस मिलने की कामना के साथ महादेव का ध्यान करते हुए पूजन अर्चन करता है तो उसे अपना खोया हुआ सामान भी वापस मिल जाता है।
कैसे पहुंचे शिव मंदिर ?
शिव मंदिर शिप्रा नदी के तट पर बने राम घाट पर स्थित दत्त अखाड़ा के ठीक सामने स्थित है। इस मंदिर के उत्तर मुखी प्रवेश द्वार के ऊपर श्री गणेश की मूर्ति स्थापित है। गर्भगृह में 1 फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है, जिसकी जलाधारी के एक और सूर्य और दूसरी तरफ चंद्रमा की प्रतिकृति बनी हुई है। यहां माता पार्वती की मूर्ति भी स्थापित है, जिसके ठीक सामने मोक्षदायिनी मां शिप्रा प्रवाहित हैं।