महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को कम से कम डेढ़ किमी तक पैदल चलना होगा। बाबा के दर्शन में भी डेढ़ घंटे से अधिक समय लगेगा। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की दो कैटेगरी बनाई है। एक सामान्य दर्शन वाले और दूसरे पासधारी व शीघ्र दर्शन वाले श्रद्धालु। शीघ्र दर्शन वाले वो श्रद्धालु हैं जो 250 रुपए का टिकट लेकर दर्शन करेंगे। शीघ्र दर्शन वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर आठ से प्रवेश दिया जाएगा। जबकि सामान्य दर्शन वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर एक से प्रवेश मिलेगा।
दर्शनार्थियों को भगवान के 28 घंटे तक सतत दर्शन होंगे। 11 मार्च को सुबह 6 बजे से दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो 12 मार्च को सुबह 10 बजे तक चलेगा। इसी दिन साल में एक दिन दोपहर में होने वाली भस्मारती तो होगी, लेकिन पहली बार इसमें दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। महाशिवरात्रि पर एक लाख श्रद्धालुओं के उज्जैन आने का अनुमान है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर दर्शनार्थियों के लिए 24 घंटे खुला रहेगा। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को कोविड-19 के प्रावधानों का पालन करना होगा। मास्क और हाथ सैनिटाइज करने की अनिवार्यता के साथ ही दर्शनार्थियों की थर्मल स्क्री¨नग होगी।