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डमरू, शंख और त्रिशूल से पट जाएगी महाकाल की नगरी

महाकाल की नगरी उज्जैन की तस्वीर जल्द ही बदल जाएगी। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अब हरिफाटक ब्रिज ही श्री महाकाल लोक का आभास कराएगा। ब्रिज की चारों शाखाओं पर डमरू, शंख व त्रिशूल लगे बिजली के पोल लगाए जाएंगे, जो रात को आकर्षक लाइटिंग से जगमगाएंगे।

उज्जैनDec 06, 2023 / 09:35 pm

deepak deewan

महाकाल की नगरी उज्जैन की तस्वीर जल्द ही बदल जाएगी

महाकाल की नगरी उज्जैन की तस्वीर जल्द ही बदल जाएगी। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अब हरिफाटक ब्रिज ही श्री महाकाल लोक का आभास कराएगा। ब्रिज की चारों शाखाओं पर डमरू, शंख व त्रिशूल लगे बिजली के पोल लगाए जाएंगे, जो रात को आकर्षक लाइटिंग से जगमगाएंगे।

खास बात यह कि इन आकर्षक विद्युत पोल लगने से दूर से ही पता चल जाएगा कि महाकाल की नगरी में आ गए हैं। इंदौर रोड पर दूसरे चरण में महामृत्युंजय गेट तक इस तरह के पोल लगाए जाएंगे। अधिकारियों की माने तो रेलवे स्टेशन मार्ग की तरफ भी इस तरह के पोल लगाए जा सकते हैं।

हरिफाटक ब्रिज पर लगने वाली लाइट 140 ल्यूमेंस पर वॉट की होगी। ल्यूमेंस रोशनी की मापक इकाई है। वर्तमान में शहर में 100 से 100 ल्यूमेंस पर वॉट की लाइट लगी है। ऐसी में 140 ल्यूमेंस पर वॉल की लाइट लगने से पूरा हरिफाटक ब्रिज रोशनी से नहा उठेगा। दूर से इसकी रोशनी लोगों को आकर्षित करेगी। बता दें कि इस तरह के डेकोरेटिव विद्युत पोल महानगर व बड़े धार्मिक स्थलों में लगे हुए हैं।

स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से हरिफाटक ब्रिज की चारों भुजाओं पर 2 करोड़ रुपए खर्च कर डेकोरेटिव विद्युत पोल लगाए जा रहे है। इसके टेंडर हो चुके हैं और तकनीकी समिति जांच भी कर रही है।

दरअसल श्री महाकाल लोक निर्माण के बाद हरिफाटक ब्रिज पर लाइटिंग पुरानी लगी है, इससे ब्रिज अंधेरे में दिखता ओर आभास ही नहीं होता कि समीप में श्री महाकाल लोक है। लिहाजा ब्रिज का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

महाकाल कारिडोर में जिस तरह आयरन कास्ट के विद्युत पोल लगे हैं, उसी तरह चारों भुजाओं पर करीब 125 पोल लगाए जा रहे है। इन पोलों पर आकर्षक तरीके से त्रिशुल, शंख व डमरू की आकृति रहेगी जो दूर से महाकाल की नगरी का आभास कराएगी। इसके साथ ही ब्रिज पर अंडरग्रांउड वायरिंग हो जाएगी।

स्मार्ट सिटी के सीइओ आशीष पाठक के अनुसार हरिफाटक ब्रिज पर महाकाल कॉरिडोर की तरह डेकोरेटिव विद्युत पोल लगाने का 2 करोड़ का टेंडर किया है। पेाल पर डमरु, शखं व त्रिशूल की आकृति बनी होगी। इनके लगने से श्रद्धालुओं को दूर से ही महाकाल नगरी का आभास हो जाएगा।

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