प्रदेश में बिजली कंपनियों द्वारा मनमाने बिजली बिल दिए जाने की शिकायतों की मानो बाढ़ सी आ गई है. यहां तक कि प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी हर दिन ऐसी दर्जनों शिकायतें हो रहीं हैं. राजधानी में पिछले 6 माह में मीटर रीडिंग में गफलत, मीटर जलने या खराब होने की 5760 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं. इस तरह हर माह करीब 950 उपभोक्ता शिकायत दर्ज करा रहे हैं. इनमें मीटर जलने या खराब होने की शिकायतें नाममात्र की ही हैं.
यह भी पढ़ें : घर पर ही करनी पड़ेगी पढ़ाई, अभिभावकों को दिए नोटिस
राजधानी में बिजली उपभोक्ता मनमाने बिलों से इतने त्रस्त हैं कि इस संबंध में उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तक को शिकायत की गई है. बार—बार और लगातार शिकायतें आने के बाद मंत्री ने बिजली कंपनियों के अफसरों को बिजली उपभोक्ताओं को खासतौर पर वास्तविक रीडिंग के ही बिल दिए जाने की हिदायत दी है. दरअसल प्रदेश में फ्री और सस्ती बिजली योजनाओं से कंपनियों को खासा घाटा हो रहा है. इस घाटे की प्रतिपूर्ति घरेलू और ईमानदार उपभोक्ताओं से बिजली बिल में मनमानी राशि वसूलकर की जा रही है.
उपभोक्ताओं की शिकायतों और मंत्री के निर्देश के बाद बिजली अधिकारी मीटर रीडिंग सिस्टम को दुरुस्त करने की कवायद में जुट गए हैं. बिजली कंपनियां मीटर रीडिंग सिस्टम को 100 प्रतिशत एक्यूरेसी मोड पर लाने की तैयारी कर रहीं हैं. इसके लिए आधिकारिक रूप से ही 15 मार्च तक की समय सीमा तय की गई है. कंपनी के अधिकारियों के अनुसार इसके लिए कार्यक्षेत्र में आनेवाले एक जिले के रीडर दूसरे जिले के रीडर की मीटर रीडिंग को क्रासचैक भी करेंगे.