तीन बार इसकी डीपीआर एमआईसी में रखी गई, लेकिन महापौर मीना जोनवाल सहित सदस्यों की मंशा अनुरूप प्लानिंग नहीं होने से इस लौटा दिया। अब सभी जरूरी संशोधनों के साथ इसे आधुनिक युग के मान से डिजाइन किया। मेट्रो सिटी कि तरह उज्जैन में भी इस तरह पार्क आकार ले सकें। अमृत मिशन अंतर्गत इस प्रोजेक्ट को रखा गया है, लेकिन फिलहाल मिशन का फंड नहीं मिलने से इसे अन्य किसी स्त्रोत से विकसित करने पर भी विचार चल रहा है।
उज्जैन नहीं बाहर से आने वाले भी आकर्षित हो
नगर निगम कि मंशा है कि पार्क इस ढंग से बने की केवल शहरवासी ही नहीं बाहर से आने वाले लोग भी इस ओर आकर्षित हो। लोग फैमेली के साथ यहां आनंद लेने आए और इसकी खूबसूरती को सराहें। महापौर मीना जोनवाल के अनुसार हम कुछ अगल हटकर इस पार्क की परिकल्पना कर रहे हैं। इस बार की डीपीआर में बहुत कुछ नया है, पसंद आने पर इसे मंजूरी देंगे।
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कभी पहचान था…
२५-३० साल पहले ये पार्क शहर की पहचान था। गुलाब व बारहमासी फूल खिला करते थे। अन्य मनोरंजक सुविधाएं होने से लोग यहां पिकनिक मनाने आते थे, लेकिन बाद में यह अनदेखी का शिकार होकर वीरान-उजाड़ हो गया। कुछ बड़े पेड़ तो यहां है, लेकिन रखरखाव व वक्त के साथ विकास नहीं होने से ये स्थल लोगों के जहन में ही नहीं रहा।
इन सुविधाओं से निखारेंगे पार्क
देशी-विदेशी पौधे व आधुनिक शैली में गार्डनिंग।
बच्चों के लिए अप्पूघर, मनोरंजन ब्रिज व विशेष प्ले जोन।
पार्क में ओपन स्टाइल कैफेटेरिया व रेस्टोरेंट निर्मित होगा।
तीन सेल्फी पाइंट, जो युवाओं को आकर्षित करें।
लैंड स्कैपिंग व आकर्षक पाथ वे। जिस पर लोग भ्रमण कर सकें।
थिएटरनुमा हॉल जिसमें मनोरंजन गतिविधि के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम हो।
म्यूजिकल लाइटिंग फाउंटेन का भी प्रावधान किया गया।
डेकोरेटिव लाइट पोल व प्रकाश इंतजाम। महिला-पुरुष के लिए पृथक टॉयलेट।
पिलिया खाल को समाहित करते हुए मनोरंजक पैदल ब्रिज।