सर्दी के मौसम के साथ संक्रमण का आना, इनफ्लुएंजा का नेक्स्ट स्टेज भी माना जा रहा है। यदि आगामी कुछ सालों में भी कोरोना का यही ट्रेंड रहता है तो उसे सर्दी के मौसम से जोड़कर देखा जा सकता है। सर्दी के मौसम में सर्दी-जुकाम और फिर बुखार, बदन दर्द आदि होना आम है लेकिन कोरोना में स्थिति और गंभीर होने का खतरा रहता है। इसलिए सर्दी-जुकाम होने या फ्लू की समस्या होने पर ही कोरोना की गाइड लाइन का स्वत: पालन शुरू कर देना चाहिए। इससे स्वास्थ्य लाभ के साथ ही संक्रमण के फैलने की चाल को कम किया जा सकता है।
हर मौसम में फैला कोरोना
भारत में कोरोना का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था। उज्जैन में कोरोना संक्रमित पहली महिला मार्च 2020 में जांसापुरा में मिली थी। मप्र में कोरोना से पहली मौत भी उज्जैन में ही हुई थी। इसके बाद देशभर में कोरोना के लाखों मामले सामने आए और हजारों की मौत हुई। तीन साल में अभी तक कोरोना वायरस का मौसम विशेष से कोई स्पष्ट संबंध साबित नहीं हुआ है। इसमें इन्फ्लुएंजा और सारी (सेवर एक्युट रेस्पीरेटरी इन्फेक्शन) के लक्षण मिलते हैं बावजूद बीते वर्षों में यह गर्मी के मौसम में भी तेजी से फैला है। यहां तक कि कुछ वर्षों में सर्दी के मौसम में इसकी रफ्तार तुलनात्मक कम पाई गई। इस बार गर्मी और बारिश में कोरोना के नए मामले कम ही सामने आए लेकिन सर्दी के मौसम में इसकी दस्तक हुई है।
उज्जैन में प्रशासन अलर्ट
जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। कलेक्टर ने पूर्व की तरह माइक्रो प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके विपरित किट के अभाव में जिले में अभी कोरोना टेस्ट शुरू नहीं हो पाया है।
रविवार को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि कोरोना रोकथाम व नियंत्रण के लिए पूर्व की तरह सूक्ष्म कार्य योजना का निर्माण कर शासन के निर्देशों का पालन किया जाए। बैठक में पुलिस प्रशासन, निगमायुक्त जिला पंचायत सीईओ, एडीएम, सीएमएचओ, सिविल सर्जन, शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण व डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट मौजूद थे।
यह निर्देश भी दिए
-टेस्ट, ट्रेक एण्ड ट्रीटमेंट का पालन कर योजनाबद्ध तरीके से पूर्व की भांति सर्वेलेंस गतिविधि सम्पादित करें।
-रोगियों की शीघ्र पहचान व त्वरित उपचार की प्रक्रिया का पालन हो।
– शासन ने कोविड-19 के वर्तमान परिदृश्य में रोकथाम व नियंत्रण के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन, सर्पोटेड स्तर, आईसीयू बिस्तर, वेंटिलेटर, लॉजिस्टिक जैसे पीएसए प्लांट, ऑक्सीजन सिलेण्डर, कॉन्संट्रेटर, बफर स्टाक व अधोसंरचना की उपलब्धता के निर्देश दिए हैं।
-इंफ्लुएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के प्रकरणों की नियमित जिलेवार निगरानी व रिपोर्टिंग आईएचआईपी पोर्टल पर हो।
-निर्धारित लक्ष्य अनुसार कोविड टेस्ट की व्यवस्था की जाए।
-संक्रमित मिलने पर संबंधित की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करें।
कोरोना तेजी से फैलने वाला वायरस है। इस बार कई मरीजों में नया सब वैरिएंट जेएन.1 पाया गया है। कोरोना वायरस में अमूमन इनफ्लुएंजा व सारी के जैसे ही लक्षण मिलते हैं। इसलिए सर्दी के मौसम में इसके फैलने की आशंका बढ़ जाती है। सर्दी-खांसी, बुखार होने पर ही हमें मास्क, सोशल डिस्टेंस जैसे कोरोना प्रोटोकॉल को अपनाना चाहिए। – डॉ. एचपी सोनानिया, कोरोना उपचार विशेषज्ञ