कोरोना के कारण लॉकडाउन के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था. खतरनाक दौर खत्म होने के बाद 28 जून से मंदिर में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू किया गया था. मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालुओं की तादाद तेजी से बढ़ी और इसी अनुपात में दान राशि भी आई. विदेशी भक्त भी यहां आए जिससे खासी विदेशी मुद्रा भी मिली.
महाकाल मंदिर के खजाने में 28 जून से 15 अक्टूबर तक की अवधि में 23.03 करोड़ रुपए आए. मंदिर में विशेष रूप से शीघ्र दर्शन व भस्म आरती बुकिंग से खासी कमाई हो रही है. इससे मंदिर को करीब 3.87 करोड़ रुपए मिले हैं. इसी तरह ध्वजा चढ़ाने व भांग शृंगार की बुकिंग से 2.27 लाख रुपए व अन्य दान आदि से 28.77 लाख रुपए मिले हैं.
गौरतलब है कि भस्मआरती में प्रवेश प्रतिबंधित था पर 11 सितंबर से भस्मआरती में प्रवेश शुरू किया गया. इसी दिन से मंदिर में महाकाल के प्रोटोकॉल दर्शन पर 100 रुपए और भस्म आरती बुकिंग पर दान के रूप में 200 रुपए लेने की शुरुआत भी की गई. भस्मआरती की ऑनलाइन बुकिंग पर पहले से ही 100 रुपए दान लेने की व्यवस्था लागू है.
बिना रास्ता की कालोनी है तो सड़क बनवाने के लिए उठाएं ये कदम मंदिर समिति के अनुसार मंदिर के लेखा में 23 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है हालांकि मंदिर की वास्तविक रूप में आय करीब 9 करोड़ रुपए ही हुई है.मंदिर समिति के अनुसार इस दौरान भस्म आरती बुकिंग, लड्डू प्रसाद, शीघ्र दर्शन टिकट, मंदिर परिसर में रखी विभिन्न भेंट पेटियों, अभिषेक भेंट और अन्य दान आदि से 23 करोड 3 लाख 54 हजार 538 रुपए प्राप्त हुए हैं.