उज्जैन/आगर मालवा. नलखेड़ा में मां भगवती बगलामुखी का यह मंदिर बीच शमशान में बना हुआ है। देश के कई बड़े दिग्गज नेता यहां अपनी मनोकामना पूरी करने और संकट से रक्षा के लिए पूजा-अनुष्ठान कराने आते हैं। इसका महत्व समस्त देवियों में विशिष्ट है। विश्व में इनके सिर्फ तीन ही प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें सिद्धपीठ कहा जाता है। यह मंदिर तंत्र-मंत्र साधना के लिए भी प्रसिद्ध है। तीन मुख, त्रिशक्ति का प्रतीक मध्यप्रदेश में तीन मुखों वाली बगलामुखी त्रिशक्ति माता का प्रतीक है। यह मंदिर शाजापुर तहसील नलखेड़ा में लखुंदर नदी के किनारे स्थित है। द्वापर युग का यह मंदिर अत्यंत चमत्कारिक है। यहां देशभर से साधु-संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते रहते हैं। मोदी के भाई ने कराए थे जाप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रहलाद मोदी ने यहां लोकसभा चुनाव के समय जाप कराए थे। स्मृति ईरानी भी माता के दरबार में मत्था टेकने आई थीं। यूपी से बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल यहां आ चुके हैं। टीवी सीरियल तारक मेहता..के अय्यर भाई, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री, वसुंधराजे सिंधिया, दिग्विजयसिंह, शिवराजसिंह चौहान, उत्तराखंड की महारानी भी यहां आ चुके हैं। पुजारी पं. कैलाशनारायण शर्मा ने बताया 1815 में मंदिर का जीर्णोंद्धार किया गया था। यहां लोग अपनी मनोकामना पूरी करने या किसी भी क्षेत्र में विजय प्राप्त करने के लिए यज्ञ, हवन, पूजन-पाठ कराते हैं। कृष्ण के निर्देश पर हुई थी स्थापना इस मंदिर की स्थापना महाभारत काल में विजय प्राप्ति के लिए भगवान कृष्ण के निर्देश पर महाराज युधिष्ठिर ने की थी। मान्यता यह भी है कि यहां की बगलामुखी प्रतिमा स्वयंभू है। इस मंदिर में माता बगुलामुखी के अतिरिक्त माता लक्ष्मी, कृष्ण, हनुमान, भैरव तथा सरस्वती भी विराजमान हैं।