scriptअमिताभ बच्चन को जब चोट लगी, तो महाकाल मंदिर में हुई थी विशेष पूजा | Amitabh got hurt, then special worship was done in Mahakal | Patrika News
उज्जैन

अमिताभ बच्चन को जब चोट लगी, तो महाकाल मंदिर में हुई थी विशेष पूजा

Ujjain News: कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान जब अमिताभ बच्चन को पेट में गहरी चोट आई थी, तब महाकाल मंदिर में उनके लिए पुजारी-पुरोहितों द्वारा महामृत्युंजय के जाप करवाए गए थे।

उज्जैनOct 11, 2019 / 12:15 pm

Lalit Saxena

Amitabh got hurt, then special worship was done in Mahakal

Ujjain News: कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान जब अमिताभ बच्चन को पेट में गहरी चोट आई थी, तब महाकाल मंदिर में उनके लिए पुजारी-पुरोहितों द्वारा महामृत्युंजय के जाप करवाए गए थे।

उज्जैन. कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान जब अमिताभ बच्चन को पेट में गहरी चोट आई थी, तब महाकाल मंदिर में उनके लिए पुजारी-पुरोहितों द्वारा महामृत्युंजय के जाप करवाए गए थे। सुपर स्टार अमिताभ बच्चन का शायद ही ऐसा कोई जन्म दिन रहा हो, जब उन्हें महाकाल का आशीर्वाद न मिला हो। वे भले ही उज्जैन कम आए हों, लेकिन महाकाल से उनका हमेशा से जुड़ाव रहा है।

मंदिर के पुजारी पं. रमण त्रिवेदी ने बताया कि हर साल उनके जन्म दिन पर मुंबई जाकर उन्हें महाकाल की फोटो, प्रसाद देता रहा हूं। अब चूंकि उम्रदराज और बीमारी अवस्था के कारण चार-पांच सालों से यह सिलसिला शिथिल हुआ है, लेकिन उन्हें बधाई संदेश और आशीर्वाद देना नहीं भूलता हूं। पं. त्रिवेदी ने पुरानी बातों को ताजा करते हुए कहा कि फिल्म मुकद्दर का सिकंदर के मुहूर्त पर मैंने ही पूजन करवाया था। जब वे राजनीति में चले गए थे, तब प्रचार के सिलसिले में इलाहाबाद बुलाया था, जहां उनके मामा जगदीश राजन के निवास पर हमें ठहराया था।

फिल्मी नामों के ‘सिलसिले’ में अमिताभ
सिर्फ ‘खुदा गवाह’ है कि पूरी ‘सरकार’ एकजुट होकर भी ‘डॉन’ को ‘गिरफ्तार’ नहीं कर पाई, वह आज भी ‘अकेलाÓ ही ‘अग्निपथÓ पर दौड़ रहा है। लेकिन फिल्मी नामों के सिलसिले में उन्होंने खुद को गिरफ्तार करवा दिया। बॉलीवुड के महानायक सुपर स्टार अमिताभ बच्चन का (11 अक्टूबर) जन्म दिन है। पूरा देश उन्हें बधाई संदेश देगा। कई लोग उनके बंगले के बाहर घंटों उनकी झलक देखने को खड़े रहेंगे। उज्जैन से भी उनका लगाव रहा है। हालांकि व्यस्तता के चलते वे यहां कम ही आए, लेकिन शहरवासी और महाकाल के पुजारी कहीं न कहीं उनसे लगातार जुड़े रहे। शहरवासी उन्हें किस तरह प्यार करते हैं, ‘पत्रिका’ द्वारा उनकी भावनाएं प्रकाशित की जा रही हैं। (अमिताभ के जन्म दिन पर विशेष प्रस्तुति शैलेष नाटानी उज्जैन)

अमिताभ की फिल्में, फिल्मों में अमिताभ
मुंबई पुलिस के दो काबिल इंस्पेक्टर ‘राम-बलराम’ उसे आज तक पकड़कर ‘अंधा कानून’ की ‘जंजीर’ में नहीं जकड़ पाए हैं। बात 1969 की है, जब वह अपने ‘सात हिंदुस्तानी’ ‘देशप्रेमी’ मित्र ‘अमर-अकबर-एंथोनी’ ‘कालिया’ व ‘आनंद’ के साथ ‘बरसात की एक रात’ में इलाहाबाद से मुंबई निकला था। उस घनघोर रात में ‘रेशमा और शेरा’ नामक डाकुओं ने काफिले पर हमला कर दिया। ‘तूफान’ भरी रात में वह ‘अकेला’ ही ‘त्रिशूल’ लेकर ‘काला पत्थर’ की ‘दीवार’ लांघकर उनसे भिड़ गया। उस दौरान उस पर जो जुल्म हुए, उससे उसकी जिंदगी में ‘कोहराम’ मच गया और इस भयानक सफर तक वो आ गया। ऐसा नहीं कि उसकी जिंदगी हमेशा ऐसी ही रही। यह सोचकर वह फ्लैश बेक में भावुक होकर खो जाता है। जब उसके पड़ोसी ‘मेजर साहब’ ने उसकी जिंदगी बदल कर रख दी थी। युवा अवस्था में अपने ‘शराबी’ मित्र ‘बंटी और बबली’ के साथ ‘तीन पत्ती’ खेला करता था। ‘हेराफेरी’ करके ‘सत्ते पे सत्ता’ जैसे पत्ते हासिल कर अपने आपको ‘द ग्रेट गेंबलर’ समझता था। वह तो भला हो भगवान का कि वह ‘मुकद्र का सिकंदर’ था जो मेजर साहब के संपर्क में आ गया। उन्होंने उसे दो टुक शब्दों में चेताया कि कब तक ‘दो और दो पांच’ करते रहोगे और अगर ‘खुद्दार’ हो तो अपना ‘जमीर’ जगाओ और ‘खून पसीना’ बहाकर लोगों की ‘कसौटी’ पर खरे उतरो।

Hindi News / Ujjain / अमिताभ बच्चन को जब चोट लगी, तो महाकाल मंदिर में हुई थी विशेष पूजा

ट्रेंडिंग वीडियो