Ujjain News: राजस्थान से दंडवत करते महाकालेश्वर पहुंचे बुजुर्ग दंपती, भीषण गर्मी में लेटकर तय किया 665 KM का सफर- Watch Video
नौतपा में पूरा देश तप रहा है, सड़कें सूनी हैं लेकिन उज्जैन के महाकालेश्वर के भक्तों की अटूट आस्था सूरज को भी ठेंगा दिखाती नजर आई, अपनी मन्नत के लिए बाड़मेर, राजस्थान से दंडवत करते हुए बुजुर्ग दंपति महाकालेश्वर मंदिर पहुंच गए, ओंकारेश्वर में भी करेंगे दर्शन…
भीषण गर्मी में राजस्थान के बाड़मेर से उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे दंपति.
नौतपा के सातवें दिन भी सूरज के तेवर बरकरार रहे। दिन के साथ ही तापमान भी चढ़ता गया है। तपिश ऐसी कि दोपहर 12 बजे सड़कें सुनसान हो रही हैं। बहुत जरूरी होने पर ही लोग घर से निकल रहे हैं। अधिकतम तापमान 48 डिग्री पार पहुंच गया है। ऐसी भीषण गर्मी में एक बुजुर्ग दंपति 665 किमी दंडवत प्रणाम करते हुए राजस्थान के बाड़मेर से उज्जैन पहुंच गए। उनकी आस्था देख हर कोई अचंभित था। कई लोग उनकी इस भक्ति को देख मदद का हाथ भी बढ़ा रहे थे।
डेढ़ वर्ष पहले पत्नी के साथ निकले थे
बाड़मेर जिले में रहने वाले 55 वर्षीय प्रहलाद उर्फ शंभू बुनकर पत्नी पूजा के साथ करीब डेढ़ वर्ष पहले अपने घर से मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में नर्मदा में स्नान और मंदिरों के दर्शन के लिए निकले थे। प्रहलाद रोजाना भीषण गर्मी में पैदल बिना चप्पल से करीब डेढ़ किमी की दंडवत यात्रा कर रहे हैं। वे अपने हाथ में नारियल लेकर दंडवत प्रणाम करते हुए आगे चलते हैं। उनका साथ देने के लिए पत्नी भी कपड़े का झोला लेकर पीछे-पीछे चल रही है।
सबसे पहले रामदेवरा के दर्शन किए और फिर पुष्कर जी पहुंचे थे दंपति
राजस्थान से अपनी यात्रा शुरू कर सबसे पहले प्रहलाद ने रामदेवरा के दर्शन किए। उसके बाद अजमेर पुष्कर जी के दर्शन करते हुए एमपी के उज्जैन महाकाल मंदिर पहुंच गए। अब अंत में वे ओंकारेश्वर (Omkareshwar) तक इसी तरह दंडवत यात्रा करेंगे। बुजुर्ग पति-पत्नी की इस अटूट आस्था यात्रा को देख कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आए हैं।
भूख लगने से पहले ही मिल जाता है भोजन, हमारी सेहत अच्छी है
प्रहलाद का कहना है कि हमारा स्वास्थ्य बहुत अच्छा है। ईश्वर की कृपा ऐसी है कि जब भूख लगती है, उससे पहले ही भोजन मिल जाता है और जब प्यास लगने से पहले पानी देने वाला हमारे सामने होता है। लोग हमें खाना-पानी देकर खुशी महसूस कर रहे हैं। रोजाना ही खाने पीने का इंतजाम हो जाता है। कभी श्रद्धालु लोग खाना खिला देते हैं तो कभी हम होटल में खा लेते हैं। यात्रा में कई लोग दान में फल-फ्रूट पानी की बोतल भी देते हैं।
मन्नत के कारण कठिन यात्रा कर रहे
प्रहलाद ने बताया कि एक मन्नत के कारण कठिन यात्रा कर रहे हैं। अभी करीब 6 माह की यात्रा और करनी है। महाकाल थाने में पदस्थ एसआइ चंद्रभान सिंह ने उन्हें खाने-पीने का सामान दिया और रास्ते के लिए कुछ चीजें भी बांधकर दीं।