उज्जैन में बढ़ते अपराधों से प्रशासन और पुलिस की खासी किरकिरी हो रही है। महाकाल के दर्शन करने यहां बाहर से भी रोज लाखों लोग आते हैं जिसके कारण शहर की कानून व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती है। बढ़ते अपराधों से खासतौर पर पुलिस की छवि धूमिल हो रही है। ऐसे में उज्जैन पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए बुधवार को बड़ी कार्रवाई की।
उज्जैन पुलिस की कई टीमें शहरभर में चल रहे फर्जी एडवाइजरी सेंटरों पर जा पहुंची। एक के बाद एक कुल 4 फर्जी एडवाइजरी सेंटरों पर छापा मारा गया। यहां कम्प्यूटर और अन्य दस्तावेज बरामद किए। इसके साथ ही सभी सेंटरों पर काम कर रहे 125 युवक-युवतियों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
यह भी पढ़ें: एमपी में कर्मचारियों के साथ बड़ी धोखाधड़ी, नियमानुसार वेतन पुनरीक्षण नहीं कर रही सरकार फर्जी एडवाइजरी सेंटर पर पुलिस की रेड से शहरभर में हड़कंप मच गया है। जिन 125 लड़के लड़कियों को यहां कंप्यूटर पर काम करते पकड़ा गया है उनसे उज्जैन पुलिस इन एडवाइजरी सेंटर्स पर चल रही गड़बड़ी के बारे में जानकारी ले रही है। सभी
युवक-युवतियों से पूछताछ जारी है।
युवक-युवतियों से पूछताछ जारी है।
उज्जैन पुलिस के अधिकारियों के अनुसार शहर में फर्जी एडवाइजरी सेंटर चलने की लगातार शिकायतें मिल रहीं थीे। पुलिस ने आज 4 सेंटरों पर छापा मारकर यहां कंप्यूटर की सहायता से फर्जीवाड़े में लगे 120 लोगों को पकड़ा। अब इनसे पूछताछ कर सेंटर्स पर चल रहे फर्जीवाड़ा के सबूत जुटाए जा रहे हैं।
शहर के चार अलग-अलग स्थान पर दबिश देकर कार्रवाई को अंजाम दिया। यहां माधव क्लब रोड, दवा बाजार, तीन बत्ती चौराहा और ऐ के बिल्डिंग चौराहा पर संचालित हो रहे फर्जी एडवाइजरी ऑफिस पर पुलिस की अलग-अलग टीम पहुंची।
चारों सेंटरों के ऑफिसों से 100 से ज्यादा लैपटॉप, एंड्रॉयड मोबाइल के अलावा कीपैड मोबाइल भी जब्त किए हैं। लोगों का पर्सनल डाटा, मोबाइल नंबरों के साथ यहां अन्य जानकारियां भी दर्ज मिली हैं।
एसपी प्रदीप शर्मा के अनुसार आरंभिक पूछताछ में आम लोगों के पर्सनल डाटा का उपयोग करने की बात सामने आई है। यहां युवक युवतियों को कमीशन पर काम पर रखकर लोगों को फोन लगवाकर डिमैट एकाउंट खुलवाने और नुकसान दिखाकर राशि हड़प लेने की कारस्तानी की जा रही थी। संचालकों पर सेबी लाइसेंस भी नहीं है।