उदयपुर में महिलाएं दुपहिया वाहन से लेकर रिक्शा और लग्जरी कारें तक फर्राटे से दौड़ा रहीं है। ज्यादातर महिलाएं अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ड्राइविंग सीख रहीं हैं तो कुछ ऐसी भी हैं, जिनके लिए ड्राइविंग रोजगार का जरिया है। कई एडवेंचर और अपने शौक पूरे करने के लिए ड्राइविंग करती हैं।
एक समय था जब पहले दुपहिया वाहन का लर्निंग लाइसेंस लिया जाता था। फिर उसे परमामेंट करवाया जाता था और उसके बाद हल्के मोटर यान (एमएमवी) के लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाता था। लेकिन आजकल ज्यादातर आवेदन सीधे एलएमवी के लाइसेंस के ही होते हैं। महिलाएं भी सीधे एमएमवी के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ही आवेदन करती हैं।
कोरोनाकाल में भी नहीं घटी रफ्तार
कोरोनाकाल में जब लॉक डाउन के चलते हर ओर सन्नाटा पसरा रहता था। सभी तरह के व्यवसाय की रफ्तार थम गई थी। महिलाओं के ड्राइविंग लाइसेंस बनने की रफ्तार उस दौर में भी नहीं थमी। बल्कि अन्य सालों से ज्यादा लाइसेंस बने। कोरोनाकाल में वर्ष 2020 में 4163 महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए तो 2021 में 4050 लाइसेंस जारी हुए। जबकि कोरोनाकाल से पहले 2019 में 3795 और इसके बाद 2022 में 3416 महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए।