उदयपुर

क्या हुआ ऐसा कि आक्रोशित महिला नरेगा मजदूरों ने कर दिया हंगामा, जानें पूरा मामला

मौके पर पहुंचे तहसीलदार, मजदूरों से की समझाइश और कार्मिकों को लताड़ा

उदयपुरMay 17, 2024 / 01:14 am

Shubham Kadelkar

नगर पालिका में विरोध जताती नरेगा मजदूर महिलाएं

कानोड़. नगर पालिका परिसर में एक साथ पहुंची दर्जनों महिला नरेगा मजदूरों ने गुरुवार को हंगामा कर दिया। यहां महिलाओं ने आरोप लगाया कि इस गर्मी में काम करने के बावजूद उन्हें भुगतान नहीं करने की धमकियां दी जा रही है, जो गलत है। बीते 3 महीने से उन्हें भुगतान भी नहीं मिला है। जानकारी के अनुसार नगर पालिका के अतिरिक्त जेईएन रसेल सिंह पंवार नरेगा कार्य स्थल डुमरी तलाई व कंडेला तालाब पर जाकर नरेगा मजदूरों से काम सही नहीं करने पर 20 रुपए भुगतान होने की बात कही व मेट को भी फटकार लगाई। जिस पर नरेगा मजदूर आक्रोशित हो गए और काम छोड़कर नगर पालिका पहुंचे। यहां पालिका कार्मिकों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। पालिका में हंगामे की जानकारी मिलने के बाद तहसीलदार रणजीत यादव नगर पालिका कार्यालय पहुंचे और महिलाओं को समझाने का प्रयास किया। यहां महिलाओं ने उनके समक्ष विरोध जताया। जिस पर तहसीलदार ने महिला मजदूरों की समस्या का समाधान के लिए संबंधित कर्मचारी को जमकर लताड़ लगाते हुए पाबंद किया। इस दौरान पूर्व पालिका पार्षद कोमल कमरिया सहित स्थानीय लोग भी पहुंचे।

नरेगा जेटीए जयराम मीणा से तहसीलदार रंजीत यादव ने सवाल जवाब किए। इस पर जेटीए मीणा ने नरेगा मजदूरों के आक्रोश को लेकर अपना स्पष्टीकरण में कहा कि नगर पालिका में बीते दिनों बिना जेईएन के हस्ताक्षर के करोड़ों रुपए की राशि उठा ली गई। जिस पर कोई जांच नहीं की जा रही है और नरेगा मजदूरों के भुगतान के लिए जेईएन की जरूरत पड़ रही है, जो गलत है। ऐसे में केवल नरेगा मजदूरों को ही परेशान किया जा रहा है।

आज तक नहीं आया पालिका का दूसरा जेटीए

जेटीए जयराम मीणा ने तहसीलदार रणजीत यादव को बताया कि नरेगा कार्य पर नजर रखने के लिए एक और जेटीए बृजेश गुर्जर को लगाया गया। जिनके पास भींडर का अतिरिक्त चार्ज भी है, वह एक भी बार कानोड़ नहीं आए। जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इनका कहना है

नरेगा मजदूरों के हंगामा की जानकारी मिलने पर मैं पालिका पहुंचा। संबंधित कर्मचारियों से बात कर कार्य में कोताही नहीं बरतने के पाबंद किया। 20 रुपए भुगतान आने की बात कहने से मजदूर आक्रोशित हो गए थे, मजदूरों का भुगतान बजट नहीं होने से लंबित होना बताया गया। समझाइश कर विधिवत कार्य शुरू करवाया।
-रणजीत यादव, तहसीलदार, कानोड़

जेईएन रसेल सिंह ने मुझे नरेगा मजदूरों की 20 रुपए से एमबी भरने को कहा। मैंने मना किया, जिस पर उन्होंने मजदूरों को धमकाया। नरेगा टीम के साथ षड्यंत्र चल रहा है, अपने किए गबन से बचने के लिए मुझे फंसाने का प्रयास किया जा रहा। बिना जेईएन के नरेगा मजदूरों का भुगतान नहीं हो सकता तो फिर नगर पालिका में बीते दिनों बिना जेईएन के हस्ताक्षर के करोड़ों का भुगतान कैसे हो गया। जांच के लिए अधिकारियों को लिखूंगा।
-जयराम मीणा, जीटीए, नगरपालिका कानोड़

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