नरेगा जेटीए जयराम मीणा से तहसीलदार रंजीत यादव ने सवाल जवाब किए। इस पर जेटीए मीणा ने नरेगा मजदूरों के आक्रोश को लेकर अपना स्पष्टीकरण में कहा कि नगर पालिका में बीते दिनों बिना जेईएन के हस्ताक्षर के करोड़ों रुपए की राशि उठा ली गई। जिस पर कोई जांच नहीं की जा रही है और नरेगा मजदूरों के भुगतान के लिए जेईएन की जरूरत पड़ रही है, जो गलत है। ऐसे में केवल नरेगा मजदूरों को ही परेशान किया जा रहा है।
आज तक नहीं आया पालिका का दूसरा जेटीए
जेटीए जयराम मीणा ने तहसीलदार रणजीत यादव को बताया कि नरेगा कार्य पर नजर रखने के लिए एक और जेटीए बृजेश गुर्जर को लगाया गया। जिनके पास भींडर का अतिरिक्त चार्ज भी है, वह एक भी बार कानोड़ नहीं आए। जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इनका कहना है
नरेगा मजदूरों के हंगामा की जानकारी मिलने पर मैं पालिका पहुंचा। संबंधित कर्मचारियों से बात कर कार्य में कोताही नहीं बरतने के पाबंद किया। 20 रुपए भुगतान आने की बात कहने से मजदूर आक्रोशित हो गए थे, मजदूरों का भुगतान बजट नहीं होने से लंबित होना बताया गया। समझाइश कर विधिवत कार्य शुरू करवाया। -रणजीत यादव, तहसीलदार, कानोड़ जेईएन रसेल सिंह ने मुझे नरेगा मजदूरों की 20 रुपए से एमबी भरने को कहा। मैंने मना किया, जिस पर उन्होंने मजदूरों को धमकाया। नरेगा टीम के साथ षड्यंत्र चल रहा है, अपने किए गबन से बचने के लिए मुझे फंसाने का प्रयास किया जा रहा। बिना जेईएन के नरेगा मजदूरों का भुगतान नहीं हो सकता तो फिर नगर पालिका में बीते दिनों बिना जेईएन के हस्ताक्षर के करोड़ों का भुगतान कैसे हो गया। जांच के लिए अधिकारियों को लिखूंगा। -जयराम मीणा, जीटीए, नगरपालिका कानोड़