उदयपुर.
Vranda karat भाजपा की केन्द्र सरकार पूंजीपतियों के काले धन के आधार पर प्रजातंत्र का गला घोंट रही है। देश की संसद में करीब 80 फीसदी सांसद करोड़पति हैं। ऐसे में वह गरीब जनता के लिए क्या आवाज उठाएंगे। देश की जनता को सत्ता के आतंक के आगे झुकना पड़ेगा। लेकिन, लाल झंडा हर शोषण के खिलाफ संघर्ष की अगुवाई करेगा। से विचार माकपा (
makpa ) पोलिट ब्यूरो सदस्य व पूर्व सांसद बृन्दा कारात ने सायरा में अखिल भारतीय किसान सभा एवं आदिवासी जनाधिकार एका मंच के तत्वावधान में हुई आमसभा में शनिवार को सायरा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मेक इन इण्डिया (
make in india ) का निर्माण विदेशी कम्पनियां नहीं करेगी। देश की जनता करेगी। देश के मालिक हम हैं। पूंजीपतियों के टैक्स माफी की जा रही है। श्रम कानूनों को बदल पूंजीपतियों को मजदूरों को लूटने की खुली छूट दी जा रही है। हमें धर्म व जाति के नाम पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है।
कारात ने कहा कि टीवी ( televison news), अखबार (
in news paper ), मोबाइल (
mobail ) पर सत्ताधारी नेताओं ( Ruling leaders ) के भाषणों में बताया जा रहा है कि देश आगे बढ़ रहा है, लेकिन हमारे इलाके में देखें तो पाएंगे कि गांव तक पहुंचने की सड़क नहीं है। खेती एवं पीने के लिए पानी नहीं है। गांवों में बिजली नहीं है। आवास योजना के नाम पर किसी को राशि नहीं मिली है। राशन व्यवस्था भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। कहीं भी जाओ तो बिना पैसे काम नहीं होता है। अस्पतालों में डॉक्टर एवं स्टाफ की और स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं है। इन हालात को बदलने के लिए लाल झण्डे के नेतृत्व में चलाए जा रहे संघर्ष को तेज कर केन्द्र व राज्य की सरकारों को मजबूर करना होगा कि उन्हें जनता ने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए चुन कर सरकार में बिठाया है। ना कि देशी विदेशी पूंजीपतियों, कॉर्पोरेट घरानों की आमदनी बढ़ाने के लिए।
सभा से पूर्व बृन्दा कारात बोखेड़ा पंचायत के भलों का राणावर क्षेत्र में तीन किलोमीटर पहाड़ी रास्ते पर पैदल चलकर उन आदिवासी परिवारों से मिलने पहुंची, जो पीढिय़ों से वन भूमि पर काबिज हैं। लेकिन, उन्हें अभी तक वनाधिकारी के तहत पट्टे नहीं मिले हैं।
सभा में माकपा राज्य सचिवालय सदस्य किसान नेता दूलीचन्द मीणा ने कहा कि आज से 15 वर्ष पहले केन्द्र की सरकार बनाने में लाल झण्डे के दलों की जरूरत पड़ी तो कांग्रेस पार्टी की ओर से वामपंथी दलों को कहा गया कि आप सरकार में शामिल हो। लेकिन, वामपंथी दल सरकार में शामिल नहीं हुए। यह तय किया गया कि आम जनता किसानों एवं आदिवासियों के हितों के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम बना मुद्दों पर केन्द्र की सरकार को समर्थन दिया जाए। उस समय जो सरकार बनी। उसी समय वन अधिकार कानून, महानरेगा कानून, सूचना के अधिकार जैसे कानून बने। उस समय बृन्दा कारात सांसद थीं, जिन्होंने देश की आदिवासी जनता के लिए वन अधिकार कानून् बनाने में सबसे बड़ा योगदान दिया।
माकपा शहर सचिव व पूर्व पार्षद राजेश सिंघवी ने कहा कि देश में हर 5 वर्ष में आम जनता बेहतर जीवन करने के वादों से नई सरकार बनती है। लेकिन, आम जनता एवं आदिवासियों की स्थिति नहीं बदलती है। माकपा जिला सचिव प्रताप सिंह मीणा, आदिवासी नेता हाकरचन्द खराड़ी, जनाधिकार एका मंच के श्रवण, दूलीचन्द मीणा एवं अन्य ने कार्यक्रम को संबोधित यिका।