READ MORE: पदोन्नति के लिए शिक्षकों की काउंसलिंग शुरू, लगा शिक्षकों का जमावड़ा इन 15 सालों में दो बार विद्यालय भवन के लिए विभाग से राशि स्वीकृत हुई लेकिन जमीन नहीं होने से भवन नहीं बन पाया। वर्तमान में गांव के धर्मराज मीणा के मकान के बरामदे में विद्यालय का संचालन हो रहा है जहां बच्चे बकरियों के पास में बैठकर अध्ययन करते है और कभी-कभी तो मिड डे मील का खाना तक बकरियां लेकर चली जाती है।
READ MORE: राजसमंदः खून से लथपथ लड़की का शव मिला, शरीर पर हैं कई चोटों के निशान, ग्रामीणों ने की निष्पक्ष जांच की मांग विद्यालय का रिकॉर्ड बरामदे व दूसरों के मकान में रखा जाता है, जिससे रिकॉर्ड में दीमक लग गये है। इन रिकॉर्ड को मकान की छत पर धूप में रखा गया है जिससे रिकॉर्ड की कई फाइलें खराब हो गई है।