यह हमारा और आपका अधिकार है
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा आप से ज्यादा इस धरती का पुजारी कौन है? आप से ज्यादा पर्यावरण का हितैषी कौन है? मेरा मन अति प्रसन्न है कि अब मेरा भारत बदल रहा है। देश के सबसे बड़े पद पर, राष्ट्रपति के पद पर, आज के दिन जनजाति की महिला विराजमान है, द्रौपदी मुर्मु जी। यह सम्मान किसी की बख्शीश नहीं है, यह हमारा और आपका अधिकार है। उस अधिकार को प्राप्त किया है और पद को सुशोभित किया है। यह भी पढ़ें
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विभाजनकारी ताकतों को बढ़ावा न दें
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आगे कहा आप किसी भी हालत में विभाजनकारी ताकतों को बढ़ावा न दें। राष्ट्र की एकता, परिवार की एकता, समाज की एकता, समाज में समरसता, नागरिक का दायित्व है। ये हमारा धर्म है। यह भी पढ़ें
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मां की स्मृति में उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी ने किया पौधारोपण
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने वनवासी कल्याण परिषद कोटड़ा के परिसर में अपनी मां स्व केसरीदेवी की स्मृति में पौधारोपण किया। उपराष्ट्रपति की धर्मपत्नी डॉ सुदेश धनखड़ ने भी मां भगवतीदेवी की स्मृति में पौधारोपण किया।गवरी लोकनृत्य कलाकारों का बढ़ाया हौसला
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गवरी लोकनृत्य कलाकारों का बढ़ाया हौसला। कमली ट्राइब्स और वनवासी कल्याण परिषद एवं राजीविका वन धन विकास केंद्र की स्टॉल्स का किया अवलोकन। लोक कलाकारों से परंपरागत ढोल लेकर थाप दी। कलाकारों के साथ फोटो भी खिंचवाया। वनांचल के उत्पादों को देखकर खुशी जताई। जनजाति महिलाओं द्वारा तैयार हस्तशिल्प के सौंदर्य की तारीफ की। यह भी पढ़ें