——– कमल है हमारा लोगो… जी-20 लोगो में प्रयुक्त कमल प्रतीक इस समय में आशा से जुड़ा है। कितनी भी विपरीत परिस्थितियाँ क्यों न हों, कमल खिलता ही रहता है। सात कमल की पंखुड़ियां सात महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। संगीत की सार्वभौम भाषा में सात स्वर है। इसी तरह, जी-20 का उद्देश्य विविधता का सम्मान करते हुए विश्व को एक साथ लाना है।
———- भारत के लिए इसलिए खास- जी-20 की वर्ष 2023 में अध्यक्षता: भारत वर्ष 2023 के लिए जी-20 की अध्यक्षता का उत्तराधिकारी बना है। भारत के लिए जी-20 इसलिए महत्वपूर्ण रहेगी, क्योंकि भारत को अंतरराष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक एजेंडा में योगदान देने का एक विशिष्ट अवसर मिलेगा।
– जी-20 की अध्यक्षता के दौरान, भारत देश भर में विभिन्न स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 200 बैठकें करेगा। ——- पृष्ठभूमि: जी-20 का गठन 1990 दशक के अंत में वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया एवं दक्षिण पूर्व एशिया को प्रभावित किया था।
– जी-20 का प्रथम शिखर सम्मेलन 2008 में अमरीका के वाशिंगटन डीसी में हुआ था। जी-20 के बारे में: जी-20 एक वैश्विक समूह है, जिसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल करके वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करना है।
जी-20 शिखर सम्मेलन के अतिरिक्त शेरपा बैठकें (जो समझौतों एवं आम सहमति निर्मित करने में सहायता करती हैं) एवं अन्य कार्यक्रम भी पूरे वर्ष आयोजित किए जाते हैं। ————— ये भी महत्वपूर्ण:
– जी-20 सदस्य: जी-20 के पूर्ण सदस्य: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका एवं यूरोपीय संघ हैं। प्रत्येक वर्ष, राष्ट्रपति अतिथि देशों को आमंत्रित करते हैं।- जी-20 सचिवालय: जी-20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है।
जी-20 शेरपा: कार्य सूची एवं कार्यों का समन्वय जी-20 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें ‘शेरपा’ के रूप में जाना जाता है, जो केंद्रीय बैंकों के वित्त मंत्रियों तथा गवर्नरों के साथ मिलकर कार्य करते हैं।