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ये काम है बाकी – एथलेटिक्स सिंथेटिक ट्रेक, लागत ७.१९ करोड़ : सिंथेटिक ट्रेक बनने के बाद यहां खिलाडि़यों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी। ये एथलेटिक्स ४०० मीटर का ट्रेक बनना है, जितने राष्ट्रीय स्तर व अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं, वह एेसे ही ट्रेक पर प्रेक्टिस करते हैं। कुशन, स्पंज, स्पीक, मिलेगी, मांस पेशियों को राहत मिलती है। दौड़, रिले, बाधा दौड़, सभी प्रकार के थ्रो इसमें किए जाते हैं।
– क्रिकेट फील्ड वर्क, लागत २५ लाख : इसमें क्रिकेट के दो विकेट तैयार करने हैं तो अन्य जरूरी कार्य भी किया जाना है।
ये काम है बाकी – एथलेटिक्स सिंथेटिक ट्रेक, लागत ७.१९ करोड़ : सिंथेटिक ट्रेक बनने के बाद यहां खिलाडि़यों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी। ये एथलेटिक्स ४०० मीटर का ट्रेक बनना है, जितने राष्ट्रीय स्तर व अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं, वह एेसे ही ट्रेक पर प्रेक्टिस करते हैं। कुशन, स्पंज, स्पीक, मिलेगी, मांस पेशियों को राहत मिलती है। दौड़, रिले, बाधा दौड़, सभी प्रकार के थ्रो इसमें किए जाते हैं।
– क्रिकेट फील्ड वर्क, लागत २५ लाख : इसमें क्रिकेट के दो विकेट तैयार करने हैं तो अन्य जरूरी कार्य भी किया जाना है।
– स्केटिंग रिंक, लागत १२ लाख : यह स्केट्स के लिए है, यहां स्केटिंग रिंक नहीं होने से खिलाड़ी प्रेक्टिस नहीं कर पा रहे। उधड़ी सडक़ पर उन्हें मजबूरन स्केट करने के लिए़ आना पड़ता था, लेकिन अब तो वह भी खेल गांव छोडऩे लगे हैं।
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अधिकांश कार्यों के टेंडर पूरे हो चुके हैं, जल्द ही वर्क ऑर्डर देकर इसे शुरू करवाएंगे। कुछ छोटे कार्य तो कम ही समय में पूरे कर लेंगे।
विमल मेहता, अधिशाषी अभियन्ता, यूआईटी ——-
यहां की जो दशा खराब है, उसे सुधारेंगे, यूआईटी सचिव से बात कर काम पूरा करवाएंगे। कोशिश तो ये है कि किसी काम में देरी नहीं हो और जल्द कार्य पूर्ण हो।
विमल मेहता, अधिशाषी अभियन्ता, यूआईटी ——-
यहां की जो दशा खराब है, उसे सुधारेंगे, यूआईटी सचिव से बात कर काम पूरा करवाएंगे। कोशिश तो ये है कि किसी काम में देरी नहीं हो और जल्द कार्य पूर्ण हो।
डेरिक जॉय पेट्रिक, खेल अधिकारी, खेलगांव