उदयपुर

The Mistry App: 12वीं पास मिस्त्री ने हुनरमंदों के लिए बनाया प्लेटफॉर्म, आमजन को भी एक कॉल पर मिलेंगे मिस्त्री-मैकेनिक

The Mistry App : खास बात ये भी है कि एप से ना सिर्फ निर्माण कार्य करने वाले मिस्त्री जुड़ेंगे, बल्कि तकनीकी काम करने वाले हर श्रेणी के कामगारों को शामिल किया जा रहा है।

उदयपुरSep 15, 2024 / 12:35 pm

Alfiya Khan

file photo

Udaipur News : पंकज वैष्णव।  यह बात सही है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है… लेकिन जरुरत आवश्यकता को पहचानकर पहल करने है। ऐसी ही पहल एक मिस्त्री ने की है। उदयपुर के 12वीं पास मिस्त्री ने हुनरमंदों के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया है। उसे इतना यूजर फ्रेंडली बनाया है कि जहां मिस्त्रियों को काम मिलेगा।
आमजन को एक कॉल पर मिस्त्री उपलब्ध होंगे। खास बात ये भी है कि एप से ना सिर्फ निर्माण कार्य करने वाले मिस्त्री जुड़ेंगे, बल्कि तकनीकी काम करने वाले हर श्रेणी के कामगारों को शामिल किया जा रहा है। इस स्टार्टअप को प्रदेश स्तर पर सराहा गया है।
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हुनरमंद लोगों और आमजन को जोड़ने के लिए ’द मिस्त्री एप’ बनाया है। इसकी शुरुआत करने वाला खुद निर्माण मिस्त्री है। महज 12वीं तक पढ़ाई करने वाले जगदीश साहू ने कामगार रहते महसूस किया कि मिस्त्रियों के पास हुनर होता है, लेकिन काम मिलने का सीधा कोई जरिया नहीं होता और ना ही उनका कोई दफ्तर-ठिकाना होता है। काम पाने के लिए उन्हें दुकानदारों के भरोसे रहना पड़ता है या फिर ठेकेदार के अंडर में काम करने की मजबूरी होती है। चौराहों पर मजदूर मंडी का हिस्सा बनकर काम मिलने का इंतजार करना पड़ता है।

अब 10 लोगों की टीम कर रही काम

जगदीश ने ’द मिस्त्री एप बनाने के बाद कलक्ट्रेट स्थित आई-नेस्ट इन्क्यूबेशन सेंटर में संपर्क किया। यहां मेंटर सौरभ वैष्णव ने एप में कई तरह के बदलाव करवाए। इसे जयपुर मुख्यालय पर वर्कशॉप में भी पेश किया गया, जिसे प्रदेशस्तर पर सराहना मिली। एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन में शामिल हुए देश-विदेश के निवेशकों ने भी जगदीश के प्रयास को सराहा। तमाम तरह के मिस्त्रियों के लिए समर्पित ’द मिस्त्री एप’ को भविष्य की जरुरत बताई।

सीखी प्रोग्रामिंग और फिर की शुरुआत

उदयपुर के रहने वाले जगदीश साहू 18 साल से निर्माण कार्य से जुड़े है। बतौर मिस्त्री काम करते कई बार चौराहे पर खड़ा रहकर काम मांगने की जरुरत पड़ी। कई बार काम नहीं मिलने पर मायूस लौटना पड़ा।
सोशल मीडिया फ्रेंडली जगदीश के दिमाग में मिस्त्रियों को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ने का आइडिया आया। उसने लबे समय तक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऐसे मंच की तलाश की। फिर एप तैयार करने के लिए जरुरी कप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखी।

डेढ़ हजार सर्विसेज की तैयारी

द मिस्त्री एप की शुरुआत होने के बाद लगातार डाउनलोड मिल रहे हैं। एप में अभी तक 150 तरह के काम करने वाले मिस्त्रियों, मैकेनिकों की सर्विसेज जोड़ी गई है, जिसे जल्द ही 1500 सर्विसेज तक ले जाने की योजना है।
खास बात ये कि प्लेटफॉर्म फीस नाम मात्र की है, जिससे मिस्त्रियों को जुड़ने में सहूलियत हो रही है। जगदीश का कहना है कि देश में 15 करोड़ से ज्यादा मिस्त्री है, जिन्हें काम के लिए एक सरल प्लेटफॉर्म मिलेगा। इससे ग्राहक, मिस्त्री और दुकानदार तीनों जुड़ेंगे।
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