दअसल, मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य और नाथद्वारा से विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के पिता महेन्द्र सिंह मेवाड़ का 10 नवंबर को निधन हो गया था। इसके बाद 25 नवंबर को चित्तौड़गढ़ के प्रकाश फतह महल में राजतिलक की रस्म हुई थी। इसके बाद परंपरा के अनुसार उदयपुर स्थित सिटी पैलेस में एकलिंगजी मंदिर और धूणी दर्शन को लेकर पूर्व राजघराने में विवाद हो गया था।
पांच लोगों ने किए धूणी दर्शन
आपको बता दें, विश्वराज सिंह मेवाड़ के साथ सलूंबर के देवव्रत सिंह रावत, रणधीर सिंह भींडर, बड़ी सादड़ी राज राणा समेत 5 लोग धूणी दर्शन करने पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे। इस दौरान सिटी पैलेस जाने वाले रास्ते पर पुलिस फोर्स तैनात करने के साथ ही बैरिकेडिंग भी की गई थी। बताया जा रहा है सिटी पैलेस में धूणी के दर्शन करने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ खुली जीप में समर्थकों के साथ समोर बाग पहुंच गए हैं। यह भी पढ़ें
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सुबह किए थे एकलिंगजी के दर्शन
इससे पहले बुधवार सुबह मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ ने परंपरा के अनुसार एकलिंगजी मंदिर में दर्शन किए थे। दर्शन करने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ रंगीन पगड़ी पहनकर मंदिर से अपने समर्थकों संग बाहर निकले थे, क्योंकि दर्शन के समय परंपरा के मुताबिक मंदिर में शोक भंग में पगड़ी बदलने की रस्म हुई। पहले उन्होंने सफेद पगड़ी पहन रखी थी, जिसे दर्शन के बाद रंगीन पगड़ी से बदल दिया गया। इसके बाद मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा था कि धूणी के दर्शन आस्था का विषय है। एकलिंगजी और कालिका मां के दर्शन कर आशीर्वाद ले लिया है। मैं सामाजिक जिम्मेदारी निभा सकूं और शहर की सुधार के लिए अगर आपके पास सुझाव हैं तो वह मुझे दें।
तीन दिन से बना हुआ था गतिरोध
गौरतलब है कि 25 नवंबर को मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक दस्तूर का कार्यक्रम हुआ। दस्तूर के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ एकलिंगजी मंदिर और धूणी दर्शन के लिए उदयपुर के लिए रवाना हुए। इसके बाद सिटी पैलेस के गेट बंद कर बाहर उनको रोक दिया। इस दौरान इलाके में पथराव जैसी घटना भी हुई। इस पथराव में कई लोगों के साथ 3 पुलिसकर्मी भी घायल हुए। वहीं, मंदिरों के दर्शन को लेकर उपजे विवाद के बाद प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए सिटी पैलेस और आसपास के 500 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू की। इसके बाद बीते मंगलवार को इस पूरे विवाद पर दोनों पक्षों की और से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। विश्वराज सिंह मेवाड़ और लक्ष्यराज सिंह ने एक-दूसरे को सोमवार को हुई हिंसक झड़प के जिम्मेदार बताया। दोनों ने ही सरकार और जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाए। वहीं, आज सहमित बनने के बाद ये विवाद खत्म हो गया।