उदयपुर

उदयपुर में मासूम से रेप के बाद किए थे 10 टुकड़े, भावुक हुए जज, फैसले में लिखी ऐसी कविता, आंखों में आ जाएंगे आंसू

Rape and Murder in Udaipur: पीठासीन अधिकारी ने निर्णय में यह भी लिखा कि माता-पिता ने पुत्र प्रेम में कानून की मदद नहीं की, पुत्र को कानून के शिकंजे से बचाने के लिए साक्ष्य मिटाने में मदद की।

उदयपुरNov 06, 2024 / 02:30 pm

Rakesh Mishra

Indore High Court

Udaipur Rape News: राजस्थान के उदयपुर में 8 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म कर हत्या के बाद 10 टुकड़े करने वाले आरोपी कमलेश को मृत्युदंड की सजा देने के साथ ही न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी की। पोक्सो-2 के पीठासीन अधिकारी संजय भटनागर ने अभियुक्त कमलेश सिंह उर्फ करण के द्वारा किए अपराध पर लिखा कि मासूम के साथ जब उक्त अपराध किया जा रहा था तो निश्चित रूप से उसकी आत्मा से यह आह/पीड़ा की उपधारणा की कल्पना की जा सकती है कि….
मैं अपने उपवन की नन्हीं कली थी
इठलाती, नाचती परी थी,
पापा, मम्मी की लाडली,
नाजों से पली थी,
पर मैं तो भूल गई कि मैं एक लड़की थी,
क्रूर वासना की शिकार बनी,
मेरी आत्मा चित्कार रही थी,
क्या मैं भी इंसान नहीं थी,
अपराध बोध हुआ जब मेरे टुकड़े किए,
मेरा स्त्री होना ही? क्या मैं खुद अपराधी थी ?
टिप्पणी के साथ न्यायालय ने निर्णय में लिखा कि आरोपी कमलेश उर्फ करण के द्वारा इस प्रकरण में किया गया अपराध एक सोची समझी योजना के तहत कारित किया था। अपराधी द्वारा कोई भी पछतावा नहीं दिखाया गया। अभियुक्त द्वारा ऐसा पैशाचिक रीति से दृष्टतापूर्ण दुर्बुद्धियुक्त, कूर विकृत मानसिकता के साथ एवं विभत्स घृणास्पद घिनौना, नृशंस मानवता के विरुद्ध घृणित अपराध किया है।

पुत्र प्रेम में माता-पिता ने कानून की मदद नहीं की

पीठासीन अधिकारी ने निर्णय में यह भी लिखा कि माता-पिता ने पुत्र प्रेम में कानून की मदद नहीं की, पुत्र को कानून के शिकंजे से बचाने के लिए साक्ष्य मिटाने में मदद की। आगे लिखा कि पीड़िता के परिजन कम उम्र में बेटी की हत्या के आहत हुए, पूरे परिवार को मानसिक आघात पहुंचा है। न्यायालय ने पन्द्रह लाख रुपये प्रतिकर देने के आदेश दिए।
यह भी पढ़ें

Murder in Jodhpur: जोधपुर में फिर महिला की दर्दनाक हत्या, इस बार ‘हैवान’ बना पति, घर में छाया मातम

संबंधित विषय:

Hindi News / Udaipur / उदयपुर में मासूम से रेप के बाद किए थे 10 टुकड़े, भावुक हुए जज, फैसले में लिखी ऐसी कविता, आंखों में आ जाएंगे आंसू

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.