इस बांध की भराव क्षमता 581.20 मीटर है। वर्तमान में इसमें महज 568.70 मीटर पानी है। इससे 15 नवंबर तक यानी तीन माह ही शहर में जलापूर्ति हो पाएगी। इस बांध में कम से कम 7 मीटर पानी की और आवश्यकता है, तभी बांध शहर को वर्ष भर पेयजल उपलब्ध करवा पाएगा।
40 एमएलडी पानी उठाया जा सकता है
गौराणा बांध से 40 एमएलडी पानी उठाया जा सकता है। इसमें से 30 प्रतिशत पानी हिंदुस्तान जिंक को और 70 प्रतिशत पानी शहर में जलापूर्ति के लिए दिया जाता है। वर्तमान में उठाए जा रहे 25 एमएलडी में से शहर को 18 से 19 एमएलडी पानी मिल रहा है।
गौराणा बांध से 40 एमएलडी पानी उठाया जा सकता है। इसमें से 30 प्रतिशत पानी हिंदुस्तान जिंक को और 70 प्रतिशत पानी शहर में जलापूर्ति के लिए दिया जाता है। वर्तमान में उठाए जा रहे 25 एमएलडी में से शहर को 18 से 19 एमएलडी पानी मिल रहा है।
देवास बनने के बाद कम हुई आवक
जानकारों के अनुसार देवास द्वितीय योजना के तहत मादड़ी और आकोदड़ा बांध akodara dam
बनने के बाद मानसी परियोजना के गौराणा बांध में पानी की आवक कम हुई है। वर्ष 2013 के बाद से इस बांध के गेट नहीं खोले गए हैं।
जानकारों के अनुसार देवास द्वितीय योजना के तहत मादड़ी और आकोदड़ा बांध akodara dam
बनने के बाद मानसी परियोजना के गौराणा बांध में पानी की आवक कम हुई है। वर्ष 2013 के बाद से इस बांध के गेट नहीं खोले गए हैं।
सिंचाई विभाग ने की गलती
वर्ष 2017 में जिले में अच्छी बारिश हुई जिससे देवास द्वितीय के दोनों बांधों में भरपूर पानी आया। तब पिछोला Lake Pichola , फतहसागर lake fatehsagar , उदयसागर udaisagar lake भरने के बाद वल्लभनगर के जलाशयों तक पानी छोड़ा गया। इस हड़बड़ी में सिंचाई विभाग irrigation department के अधिकारी मानसी-वाकल परियोजना के गौराणा बांध को भरना भूल गए। ऐसे में पहले से खाली यह बांध वर्ष 2018 में कम बारिश होने से नहीं भर पाया। इस वर्ष यह बांध पूरी तरह से खाली होने की कगार पर पहुंच गया था।
वर्ष 2017 में जिले में अच्छी बारिश हुई जिससे देवास द्वितीय के दोनों बांधों में भरपूर पानी आया। तब पिछोला Lake Pichola , फतहसागर lake fatehsagar , उदयसागर udaisagar lake भरने के बाद वल्लभनगर के जलाशयों तक पानी छोड़ा गया। इस हड़बड़ी में सिंचाई विभाग irrigation department के अधिकारी मानसी-वाकल परियोजना के गौराणा बांध को भरना भूल गए। ऐसे में पहले से खाली यह बांध वर्ष 2018 में कम बारिश होने से नहीं भर पाया। इस वर्ष यह बांध पूरी तरह से खाली होने की कगार पर पहुंच गया था।
कैचमेंट में हुई कम बारिश
गत वर्ष बारिश कम होने से जिले के अधिकतर जलाशय खाली पड़े थे। ऐसे में इस बार अब तक छोटे-मोटे जलाशय ही भर पाए हैं। गौराणा बांध में भी आवक काफी कम हुई है। इधर, देवास का आकोदड़ा बांध का जल स्तर सील लेवल से नीचे है। आकोदड़ा बांध छलकने पर इसका पानी टनल के माध्यम से शहर के जलाशयों को भरता है, वहीं ओवरफ्लो होने पर यह गौराणा को भरने में सहयोग करता है।
गत वर्ष बारिश कम होने से जिले के अधिकतर जलाशय खाली पड़े थे। ऐसे में इस बार अब तक छोटे-मोटे जलाशय ही भर पाए हैं। गौराणा बांध में भी आवक काफी कम हुई है। इधर, देवास का आकोदड़ा बांध का जल स्तर सील लेवल से नीचे है। आकोदड़ा बांध छलकने पर इसका पानी टनल के माध्यम से शहर के जलाशयों को भरता है, वहीं ओवरफ्लो होने पर यह गौराणा को भरने में सहयोग करता है।
गौराणा बांध: गत दस वर्ष की बांध की स्थिति
वर्ष … गेज मीटर में 2008 … गेट खोला
2009 … 574.20 2010 … 579.00
2011 … गेट खोला 2012 … गेट खोला
2013 … 581.10
वर्ष … गेज मीटर में 2008 … गेट खोला
2009 … 574.20 2010 … 579.00
2011 … गेट खोला 2012 … गेट खोला
2013 … 581.10
2014 … 581.00
2015 … 581.00 2016 … 574.00
2017 … 576.55 2018 … 575.35 इंफो…
58 फीट भराव क्षमता गौराणा की 17 फीट पानी है वर्तमान में
120 एमसीएफटी पानी अब तक आया
2015 … 581.00 2016 … 574.00
2017 … 576.55 2018 … 575.35 इंफो…
58 फीट भराव क्षमता गौराणा की 17 फीट पानी है वर्तमान में
120 एमसीएफटी पानी अब तक आया
29 एमसीएफटी डेड स्टोरेज
25 एमएलडी उठाया जा रहा प्रतिदिन 40 एमएलडी तक उठा सकते हैं
42.5 मीटर की बांध की ऊंचाई 862 एमसीएफटी भराव क्षमता
25 एमएलडी उठाया जा रहा प्रतिदिन 40 एमएलडी तक उठा सकते हैं
42.5 मीटर की बांध की ऊंचाई 862 एमसीएफटी भराव क्षमता