नगर निगम की निर्माण शाखा में लम्बे समय से जमे बैठे पांच अधिकारियों के कामों में लगातार शिकायतें व अनियमितता सामने आने पर उन पर गाज गिर गई। महापौर के निर्देश पर आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने एक आदेश जारी कर अधिशासी अभियंता(निर्माण) शशिबाला सिंह व सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी के पद के अनुरूप उनके कामों को छीन लिया वहीं सहायक अभियंता यशवंतसिंह व कनिष्ठ अभियंता तौकीर अहमद को एपीओ करते हुए उनका मुख्यालय जयपुर कर दिया गया। इसके साथ ही अधीक्षण अभियंता मुकेश पुजारी को समस्त कार्यो के लिए जिम्मेदार मानते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस थमाया गया। सभी पर आरोप है कि उन्होंने जनता के कामों को अटकाते हुए पार्षदों को भी अनसुना कर रहे थे।
निगम में पहली बार अधिकारियों पर हुई इस तरह की कार्रवाई पर पूरे महकमें में हडक़ंप मच गया। पार्षदों से लेकर कई परिवादियों ने इस कार्रवाई की सराहना की। गौरतलब है कि अधिकांश अधिकारी नगर निगम में ही नौकरी लगने के बाद से यहीं पर तैनात थे।
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पार्षदों के कामों को लगातार टाल रहे थे
जानकारों का कहना है कि निर्माण शाखा में तैनात यह अधिकारी लगातार पार्षदों के कामों को टाल रहे थे। अलग-अलग वार्ड की समस्या बताने पर भी अधिकारी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे थे। जहां काम चल रहा था वहां पर ये अधिकारी मौका निरीक्षण भी नहीं कर रहे थे। इन अधिकारियों पर पाषदों ने मिलीभगत के आरोपों से भी इनकार नहीं किया। कई बार पार्षदों ने इसकी शिकायत महापौर, उपमहापौर पारस सिंघवी व आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ से भी की। महापौर ने पूर्व में इन्हें 16 सीसी के नोटिस भी थमाते हुए इनकी प्रतियों जयपुर स्वायत्त शासन विभाग को भेजी थी लेकिन कोई वहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
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निगम में पहली बार अधिकारियों पर हुई इस तरह की कार्रवाई पर पूरे महकमें में हडक़ंप मच गया। पार्षदों से लेकर कई परिवादियों ने इस कार्रवाई की सराहना की। गौरतलब है कि अधिकांश अधिकारी नगर निगम में ही नौकरी लगने के बाद से यहीं पर तैनात थे।
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पार्षदों के कामों को लगातार टाल रहे थे
जानकारों का कहना है कि निर्माण शाखा में तैनात यह अधिकारी लगातार पार्षदों के कामों को टाल रहे थे। अलग-अलग वार्ड की समस्या बताने पर भी अधिकारी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे थे। जहां काम चल रहा था वहां पर ये अधिकारी मौका निरीक्षण भी नहीं कर रहे थे। इन अधिकारियों पर पाषदों ने मिलीभगत के आरोपों से भी इनकार नहीं किया। कई बार पार्षदों ने इसकी शिकायत महापौर, उपमहापौर पारस सिंघवी व आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ से भी की। महापौर ने पूर्व में इन्हें 16 सीसी के नोटिस भी थमाते हुए इनकी प्रतियों जयपुर स्वायत्त शासन विभाग को भेजी थी लेकिन कोई वहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
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