उदयपुर महापौर अनियमितताओं से हुए नाराज, अधिकारियों के साथ बदल डाली पूरी निर्माण शाखा
उदयपुर महापौर अनियमितताओं से हुए नाराज, अधिकारियों के साथ बदल डाली पूरी निर्माण शाखा
उदयपुर महापौर अनियमितताओं से हुए नाराज, अधिकारियों के साथ बदल डाली पूरी निर्माण शाखा
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
महापौर गोविंद सिंह टांक ने निर्माण कार्यो में अनियमितता से इतने नाराज हुए कि उन्होंने इंजीनियरों पर कारवाई के साथ ही निर्माण शाखा में लगे समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को बदलने के आदेश दिए साथ ही उन्होंने अधिशासी अभियंता (निर्माण) शशिबाला सिंह व सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी से उनके प्रभार के साथ ही सरकारी वाहन भी छीन लिए। आयुक्त ने दिए इस आदेश में एसी को नए सिरे से निर्माण शाखा के समस्त तकनीकी अधिकारियों तथा सहायक व कनिष्ठ अभियंताओं के कार्यभार, क्षेत्र में बदलाव करने के लिए कहा है।
आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने एक आदेश जारी कर अधिशासी अभियंता शशिबाला सिंह व सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी के पद के अनुरूप उनके कामों को छीन लिया वहीं सहायक अभियंता यशवंतसिंह व कनिष्ठ अभियंता तौकीर अहमद को एपीओ करते हुए उनका मुख्यालय जयपुर कर दिया गया। आयुक्त ने आदेश में अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया वे उपरोक्त अधिशासी अभियंता शशिबाला सिंह के कार्यभार अधिशासी अभियंता महेन्द्र समदानी को हस्तांतरित करेंगे।
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गड़बडिय़ां पकड़ी तो कामों में ढिलाई कर दी
निर्माण कार्यो में तकनीकी रूप से सक्षम महापौर की पहली बार नगर निगम में एन्ट्री अधिकारियोंं का भारी पड़ गई। लगातार शिकायतों व कमियों पर उन्होंने हर काम को बारीकी से देखा तो उन्हें निर्माण कार्याे में अधिकारियों कर्मचारियों की कारगुजारियां पकड़ में आ गई। निर्माण कार्याे में गुणवत्ता, कार्यो में टालमटोल, मौका निरीक्षण के अभाव कई काम अटका दिए गए। महापौर गोविंद सिंह टांक ने कामों पर जवाब तलब करना शुरू किया तो कामों ढि़लाई कर दी। लगतार शिकायतों व कमियों पर भी पहले उन्होंने नोटिस देकर सुधारने का भी प्रयास किया, नहीं मानने पर सख्ती दिखाते हुए उन्हें हटाने का निर्देश दे दिए। इस निर्देश पर एक साथ पांच अधिकारियों पर गाज गिरते ही पूरे निगम में अधिकारियों व कर्मचारियों के होश उड़ गए।
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कामों की गुणवत्ता से समझौता नहीं
कार्रवाई के बाद महापौर ने कहा कि निर्माण कार्यो की गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं होगा, काम नहीं करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने निर्माण समिति व पार्षदों को भी कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में चल रहे कार्यो को देख,गड़बड़ी होने पर तुरंत बताए।
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गेराज समिति को लिखा, आज से गाड़ी बंद
महापौर के निर्देश पर आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ ने आदेश की एक प्रति गेराज अधीक्षक को भिजवाई है। अधीक्षक को उन्होंने अधिशासी अभियंता शशिबाला सिंह व सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी को आवंटित राजकीय वाहन आज से बंद करने के आदेश दिए। पार्षदों को कहना था कि सरकारी वाहन होने के बावजूद यह अधिकारी अपनी सीट पर बैठे रहते थे, फील्ड में नहीं जाते थे। निर्माण समिति अध्यक्ष, समिति सदस्य व पार्षद कोई भी काम बताते तो वे टालमटोल कर परेशान कर रहे थे। अधिकारियों पर यह भी आरोप है कि वे चुनिंदा राजनीतिक पहुंच वाले पार्षदों के लिए काम तुरंत करवाते थे।
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इन अधिकारियों पर शिकायतों के साथ ही यह थे आरोप
1- अधीक्षण अभियंता मुकेश पुजारी
आरोप- सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी को अधिशासी अभियंता का प्रभार दिया। इससे महापौर व अन्य खफा, मोक्ष मार्ग पर सडक़ निर्माण के आदेश के बाजवूद निर्माण नहीं
2- अधिशासी अभियंता शशिबाला सिंह व सहायक अभियंता हरीश त्रिवेदी
आरोप-फील्ड में गैरमौजूदगी व अनियमिता के साथ ही निर्माण समिति अध्यक्ष, सदस्य व पार्षद के कामों में टालमटोल। उन पर चुनिंदा राजनीतिक पहुंच वाले लोगों व पार्षदों के ही काम करने के भी आरोप।
3- सहायक अभियंता- यशंवत सिंह
आरोप- किसी भी तरह को कार्य नहीं करना। कुछ दिन पहले काइन हाउस में लगाया तो वहां भी नहीं गए। वीआरएस के लिए आवेदन किया तो सरकार ने नहीं स्वीकारा, एक माह बाद आवेदन वापस ले लिया। स्वयं को मेडिकल अनफिट बताया तो सभी निगम के अधिकारियों व कार्मिकों के साथ ही वह भी फीट मिला।
4- तौकीर हुसैन- 3-4 बजे तक कार्यालय में नहीं आना, काम नहीं करना आदतों में शुमार। हर बार इस जेईएन के लिए पार्षद व समिति की अध्यक्षों ने शिकायत की।
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