इसी दौरान आरएएस सीमा तिवाड़ी भी पहुंच गई, जिनका हाल ही में तबादला हुआ था। सीमा ने तबादले पर हाईकोर्ट से स्टे मिलना बताकर कुर्सी पर हक जमा लिया। दोनों महिला आरएएस अफसरों के बीच नोकझोंक हो गई। कुर्सी का विवाद कलक्ट्रेट तक पहुंचा। दोनों ने कलक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल से भी शिकायत की। मामले को लेकर उपखंड कार्यालय में पुलिस बल तैनात किया गया।
कलक्टर के आदेश से तस्वीर हुई साफ
कलक्टर पोसवाल ने गुरुवार को एक आदेश निकाला। इसमें लिखा था कि गिर्वा सहायक कलक्टर रमेश सीरवी पुनाडिया 13 सितम्बर से 17 सितम्बर तक अवकाश पर है। ऐसे में बड़गांव उपखंड अधिकारी निरमा विश्नोई को निर्देशित किया जाता है कि वे गिर्वा सहायक कलक्टर रमेश सीरवी पुनाडिया के लौटने तक अपने कार्य के साथ प्रोटोकॉल अधिकारी का कार्य भी संपादित करेंगी।कुछ इस तरह चले जुबानी तीर
सीमा तिवाड़ी के एसडीएम कुर्सी पर बैठने को लेकर निरमा विश्नोई ने कहा कि ‘आप मेरी कुर्सी पर बैठकर गलत कर रही हैं, आपने मेरी सरकारी गाड़ी की चाबी जबरदस्ती लेकर कर्मचारियों को धमकाया भी है।’ निरमा विश्नोई की बात पर सीमा बोली कि आप तो वीडियो बनाओ…. मैंने न गाड़ी की चाबी ली और ना किसी को धमकाया है। सीमा तिवाड़ी दिनभर कुर्सी पर बैठी रही। इस दौरान निरमा विश्नोई के साथ पुलिस बल था।
यह भी पढ़ें
रेलवे यात्रियों के लिए खुशखबरी: राजस्थान के इस शहर से चलेगी स्पेशल ट्रेन, इन स्टेशनों पर होगा ठहराव
हाल ही में हुए थे तबादले
गौरतलब है कि 6 सितम्बर को कार्मिक विभाग ने प्रदेशभर की तबादला सूचियां जारी की। इसमें सीमा तिवाड़ी को प्रतापगढ़ टीएडी अतिरिक्त आयुक्त और निरमा विश्नोई को शाहपुरा से बड़गांव एसडीएम नियुक्त किया था। निरमा विश्नोई ने 9 सितंबर को पदभार संभाल लिया था। दूसरी ओर सीमा तिवाड़ी ने तबादला आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने रिलीव नहीं होने की स्थिति में फिर से एसडीएम पद संभालने का स्टे दिया।किसने क्या कहा…
बड़गांव एसडीएम पद को लेकर विवाद सामने आया। मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट कार्मिक विभाग को भेज दी है। आगे की कार्रवाई कार्मिक विभाग और सरकार के निर्देश पर की जाएगी। – अरविंद पोसवाल, कलक्टर मैं 6 सितम्बर से बीमार थी। पद से रिलीव नहीं हुई तो लौटकर वापस जॉइन कर लिया। मैंने इसकी रिपोर्ट कलक्टर और कार्मिक विभाग को भेज दी है। – सीमा तिवाड़ी गत 6 सितम्बर को तबादले हुए तब आदेश में तत्काल कार्य मुक्त किए जाने के बारे में साफ लिखा था। यानि की ट्रांसफर- रिलिविंग का आदेश साथ था। – निरमा विश्नोई