उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद यह केस मुंबई की विशेष अदालत में स्थानांतरित हुआ था। जहां 2014 से 2017 के बीच 38 में से 15 जनों को बरी कर दिया। आरोपमुक्त में 14 पुलिस अधिकारी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शामिल हैं।
सीबीआई ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर को फर्जी बताया था। कहा था कि गुजरात के एक संदिग्ध गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख व उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात एटीएस व राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने हैदराबाद के पास से अगवा कर लिया था। बाद में उन्हें नवंबर, 2005 में एक फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया। सीबीआई ने दावा किया था कि राजस्थान पुलिस के कुछ अधिकारियों ने गुजरात व राजस्थान के अधिकारियों के इशारे पर तुलसी प्रजापति को भी दिसंबर, 2006 में अन्य फर्जी मुठभेड़ में मारा था।