– जिस तरह के अपराध में वृद्धि हुई है, उनका विश्लेषण किया जाएगा। – एससी, एसटी प्रकरणों में आर्थिक सहायता के प्रस्ताव समय पर तैयार हो।
– एक साल से पुराने प्रकरणों के जल्द निस्तारण की प्रक्रिया अपनाई जाए।
– एनडीपीएस एक्ट मामलों की सूची तीन दिन में एसपी ऑफिस में दें। – बलात्कार, पोक्सो के मामले में मुख्यालय की एसओपी का पालन करें।
– नाबालिगों के अपहरण मामले में विशेष ध्यान देकर निस्तारण किया जाए।
– कांस्टेबलों को अनुसंधान की शक्तियां देकर प्रशिक्षण दिया जाए। – आंदोलन संबंधी मामलों में वीडियोग्राफी करवाकर गिरफ्तारी की जाए।
– अफीम काश्तकारों की सूची संबंधित विभाग से प्राप्त की जाए।
– हार्डकोर अपराधियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर सर्च अभियान चलाएं। – वरिष्ठ अधिकारी पुलिस लाइन का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखें।
– नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले को ऑफिसर केस स्कीम में लें।
– साइबर ठगी को लेकर हेल्पलाइन नम्बर का व्यापक प्रचार करें। – चालानशुदा व पेशेवर अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
– गैंग बनाकर अपराध करने वालों का रिकॉर्ड अलग से रखा जाए।
– अपराधी की ओर से रिहाई की शर्तों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई हो। – हाइवे किनारे ढाबा, पंक्चर दुकान संचालकों पर निगरानी रखी जाए।
– नाकाबंदी टूटने से रोकने के लिए संसाधनों का इस्तेमाल किया जाए।
– अधिकाधिक लोगों को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रेरित करें। – महिला संबंधी अपराधों का खुलासा होने पर सोशल मीडिया पर प्रचार करें।
– थानों में लम्बित स्वागत कक्ष निर्माण के कार्य शीघ्र पूरे कराए जाएं।
– सड़क हादसों में मौत की घटनाएं रोकने की दिशा में कार्य किया जाए। – थानों में नाकारा पड़े सामान की नीलामी की जाए।
– अवैध बजरी परिवहन में पुलिस की मिलीभगत सहन नहीं की जाएगी।
– पुलिसकर्मियों के कल्याण संबंधी योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास करें।
महिला सेवाओं को प्राथमिकता प्रत्येक थाने में कम से कम तीन महिला पुलिसकर्मी की नियुक्ति की जाए। हर समय थाने में कम से कम दो महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी रहनी चाहिए। थानों में स्थापित महिला डेस्क व बाल डेस्क पर महिला पुलिसकर्मी को नियुक्त किया जाए। ऑपरेशन मिलाप के तहत अधिकाधिक कार्रवाई कर बच्चों को परिवार से मिलाएं।
आईटी एक्ट में हिचक रही पुलिस