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उदयपुर

कांस्टेबल डोर-टू-डोर सर्वे कर मेन्टेन करे बीट बुक

पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव के लिए जारी हुए निर्देश, डीजीपी की ओर से की गई समीक्षा में सामने आई थी स्थिति

उदयपुरAug 01, 2021 / 11:54 am

Pankaj

कांस्टेबल डोर-टू-डोर सर्वे कर मेन्टेन करे बीट बुक

कांस्टेबल डोर-टू-डोर सर्वे कर मेन्टेन करे बीट बुक

उदयपुर. जिले के सभी थानाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कांस्टेबलों से डोर-टू-डोर सर्वे करवाकर बीट बुक संधारित कराएं। क्षेत्र में निवासरत व्यक्तियों, किरायेदारों, हथियार लाइसेंसधारकों, वाहनों आदि की सूची बनाकर बीट बुक में रिकॉर्ड तैयार करें।
यह निर्देश जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार ने जारी किए हैं। कुछ इसी तरह के निर्देशों की सूची जारी की गई है। बीती 16 जुलाई को पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर के उदयपुर आगमन पर ली गई समीक्षा बैठकों में सामने आई कमियों-खामियों में सुधार की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसी को लेकर कार्यप्रणाली में बदलाव किया जा रहा है। लिहाजा जिला पुलिस अधीक्षक ने बदलाव संबंधी निर्देश जारी किए हैं।
निर्देश के प्रमुख बिंदु
– वांछित अपराधियों, स्थाई वारंटियों, भगौड़े की अलग पत्रावली चलेगी।
– जिस तरह के अपराध में वृद्धि हुई है, उनका विश्लेषण किया जाएगा।

– एससी, एसटी प्रकरणों में आर्थिक सहायता के प्रस्ताव समय पर तैयार हो।
– एक साल से पुराने प्रकरणों के जल्द निस्तारण की प्रक्रिया अपनाई जाए।
– सुपरवाइजरी नोट जारी करने में महज औपचारिकता नहीं की जाए।
– एनडीपीएस एक्ट मामलों की सूची तीन दिन में एसपी ऑफिस में दें।

– बलात्कार, पोक्सो के मामले में मुख्यालय की एसओपी का पालन करें।
– नाबालिगों के अपहरण मामले में विशेष ध्यान देकर निस्तारण किया जाए।
– आम्र्स एक्ट प्रकरणों में नवीनतम धाराएं जोड़कर कार्रवाई की जाए।
– कांस्टेबलों को अनुसंधान की शक्तियां देकर प्रशिक्षण दिया जाए।

– आंदोलन संबंधी मामलों में वीडियोग्राफी करवाकर गिरफ्तारी की जाए।
– अफीम काश्तकारों की सूची संबंधित विभाग से प्राप्त की जाए।
– प्रतिदिन अनुसंधान अधिकारियों की बैठक करके प्रकरणों पर चर्चा करें।
– हार्डकोर अपराधियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर सर्च अभियान चलाएं।

– वरिष्ठ अधिकारी पुलिस लाइन का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखें।
– नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले को ऑफिसर केस स्कीम में लें।
– सरकारी कार्मिकों पर हमले के मामलों में प्राथमिका से गिरफ्तारी करें।
– साइबर ठगी को लेकर हेल्पलाइन नम्बर का व्यापक प्रचार करें।

– चालानशुदा व पेशेवर अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
– गैंग बनाकर अपराध करने वालों का रिकॉर्ड अलग से रखा जाए।
– त्योहारों के दौरान कानून व्यवस्था के लिए शांति समिति की बैठकें हों।
– अपराधी की ओर से रिहाई की शर्तों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई हो।

– हाइवे किनारे ढाबा, पंक्चर दुकान संचालकों पर निगरानी रखी जाए।
– नाकाबंदी टूटने से रोकने के लिए संसाधनों का इस्तेमाल किया जाए।
– अफीम पैदावार करने वाले क्षेत्रों में एनडीपीएस की प्रभावी कार्रवाई हो।
– अधिकाधिक लोगों को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रेरित करें।

– महिला संबंधी अपराधों का खुलासा होने पर सोशल मीडिया पर प्रचार करें।
– थानों में लम्बित स्वागत कक्ष निर्माण के कार्य शीघ्र पूरे कराए जाएं।
– वर्ष 2021 की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करें।
– सड़क हादसों में मौत की घटनाएं रोकने की दिशा में कार्य किया जाए।

– थानों में नाकारा पड़े सामान की नीलामी की जाए।
– अवैध बजरी परिवहन में पुलिस की मिलीभगत सहन नहीं की जाएगी।
– यातायात प्रबंधन में सीएलजी, पुलिसमित्र, आमजन का सहयोग लें।
– पुलिसकर्मियों के कल्याण संबंधी योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास करें।
महिला सेवाओं को प्राथमिकता

प्रत्येक थाने में कम से कम तीन महिला पुलिसकर्मी की नियुक्ति की जाए। हर समय थाने में कम से कम दो महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी रहनी चाहिए। थानों में स्थापित महिला डेस्क व बाल डेस्क पर महिला पुलिसकर्मी को नियुक्त किया जाए। ऑपरेशन मिलाप के तहत अधिकाधिक कार्रवाई कर बच्चों को परिवार से मिलाएं।
आईटी एक्ट में हिचक रही पुलिस
समीक्षा में पाया गया कि आईटी एक्ट के मामलों में प्रकरण दर्ज करने में पुलिस थाने अब भी हिचक रहे हैं। ऐसे मामलों में अनुसंधान के अनुभव का अभाव माना गया। वृत्ताधिकारी ऐसे प्रकरणों का पर्यवेक्षण कर अधीनस्थ कार्मिकों को मार्गदर्शन देंगे। स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र आईटी एक्सपर्ट की सेवाएं लेने की सलाह दी।

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