शिव दल प्रमुख मनीष मेहता ने बताया कि सुबह 8 बजे मंगला के दर्शन हुए। उसके बाद मंदिर में हवन प्रारंभ हुआ। जिसमें भक्तों ने आहुतियां दी। बाद में मूर्तियों में प्राण तत्व जाग्रत किए गए। विविध प्रकार के पदार्थ से मूर्तियों का स्नान कराया गया। उसके बाद मूर्तियों का स्थापन कर वेद मंत्रों के साथ सवा ग्यारह बजे विधिवत पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा के बाद भोग धराया गया। अभिजीत मुर्हत में पूर्णाहूति की गई। इसके बाद 2100 दीयों से महाआरती कर गगन भेदी जयकारे के साथ प्रभु का प्रथम दर्शन लाभ लिया।