उन्होंने कहा कि प्रेरणा पाथेय महाराणा प्रताप के जीवनकाल पर अब भी शोध की कमी महसूस होती है। उनके युद्धकाल के अतिरिक्त एक सशक्त राज्य के निर्माण के लिए किए नीतिगत कार्यों, जल प्रबंधन, कृषि प्रबंधन आदि पर शोध की गुंजाइश है। इस दौरान सभा में समिति की नई कार्यकारिणी गठित की गई। अब प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा समिति के अध्यक्ष होंगे। उपाध्यक्ष पद पर डॉ. देव कोठारी, प्रो. परमेन्द्र दशोरा, महिमा कुमारी मेवाड़, सुभाष भार्गव, मदनमोहन टांक को मनोनीत किया है। इसी तरह, महामंत्री पवन शर्मा, कोषाध्यक्ष अशोक पुरोहित, मंत्री सुहास मनोहर व महावीर चपलोत, प्रचार मंत्री जयदीप आमेटा को मनोनीत किया है। समिति में अनिल कोठारी, डॉ. बीएल चौधरी, चंद्रगुप्त सिंह चौहान, मदन सिंह राठौड़, गायत्री स्वर्णकार, अभय सिंह सदस्य रहेंगे।
ये महत्वपूर्ण निर्णय किया
प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि बैठक में महाराणा प्रताप से जुड़े स्थलों के पुरातात्विक सर्वेक्षण की दिशा में बढ़ने का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया है। साथ ही प्रताप के आदर्श जीवन को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रचार तंत्र को सशक्त करने, लघु पुस्तिकाओं के प्रकाशन, गत वर्ष ही स्थापित प्रताप गौरव शोध केन्द्र में संसाधनों के विकास आदि निर्णय किए गए।
इन्होंने दिए सुझाव
साधारण सभा में विधानसभा अध्यक्ष तथा समिति के संस्थापक महामंत्री रहे वासुदेव देवनानी, जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी, जल संसाधन योजना मंत्री सुरेश सिंह रावत आदि उपस्थित रहे। उन्होंने प्रताप गौरव केन्द्र के माध्यम से महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए सुझाव प्रदान किए। जनजाति मंत्री खराड़ी, जल संसाधन योजना मंत्री रावत ने समिति की सदस्यता भी ग्रहण की। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने भी समिति की सदस्यता ग्रहण की। हालांकि वे साधारण सभा की बैठक में पहुंच नहीं सके।