दक्षिणी राजस्थान सर्किट विकसित होने से बढ़ेगा पर्यटकों का ठहराव पत्रिका से विशेष बातचीत में जैन ने बताया कि दक्षिणी राजस्थान के अब तक कई शहर अछूते हैं। पर्यटक उदयपुर देखने के बाद राजसमंद में कुंभलगढ़ नाथद्वारा चले जाते हैं और यहीं उनकी यात्रा खत्म हो जाती है। लेकिन, बांसवाड़ा, माउंटआबू आदि कई ऐसी और आसपास की जगहें हैं जिन्हें अब तक एक्सप्लोर नहीं किया गया है। ऐसे में ये पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं और ये पर्यटन सर्किट विकसित होने से पर्यटकों का ठहराव बढ़ेगा। वहीं, एडवेंचर व नाइट टूरिज्म पर भी फोकस किया जा रहा है। राजसमंद के बाद फतहसागर झील में वॉटर स्पोट्र्स शुरू होगा।
5 हजार प्रति कलाकार सहयोग जैन ने बताया कि कोरोना के कारण पर्यटन बहुत प्रभावित हुआ है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने 500 करोड़ पर्यटन के लिए बजट घोषणा की थी। इसमें 300 करोड़ विकास कार्यों पर और 200 करोड़ मार्केटिंग व ब्रांडिंग पर खर्च किए जाएंगे। इसके लिए कार्य शुरू कर दिए गए हैं। जहां तक पर्यटन व्यवसाय से जुड़े शिल्पकार व कलाकारों के आर्थिक सहयोग की बात है तो कला व संस्कृति मंत्रालय ने प्रति कलाकार 5 हजार रुपए दिए जाएंगे।