तालाब में पानी की आवक को बढ़ाने के लिए कस्बे के तुलसी द्वार से तालाब तक प्रस्तावित नाला अधूरा पड़ा है। करीब 30 लाख की लागत वाले नाले के मनमाने निर्माण ने इस खर्च की उपयोगिता को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोक निर्माण विभाग पर घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए क्षेत्रीय लोगों ने इसकी शिकायत की। इस पर विभाग ने काम रूकवा दिया। सुधार के निर्देश के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। ठेका एजेंसी ने घटिया निर्माण को छिपाने के लिए नाले को ढक कर छोड़ दिया। अब ये नाला सुविधा की बजाय दुविधा बनता दिख रहा है। नाले के निर्माण से नालियों में जमा गंदगी की निकासी भी बाधित हो रही है। समस्या से स्थानीय लोग परेशान हैं। अब लोगों ने पीडब्ल्यूडी से नाले को सुधारने, बाल मंदिर के समीप नाले की चौड़ाई बढ़ाने की बात कही। साथ ही चेताया कि ऐसा नहीं होने पर नाले को फिर से संकरा कर व्यापारियों की समस्या दूर की जाए।
पानी की कम आवक से तालाब नहीं भरा है। पानी आवक का मार्ग सुधारने के प्रयास किए गए थे। नियमानुसार नाला नहीं बनने से अधूरा रह गया है। जल्द ही सुधार के कदम उठाए जाएंगे।
अनिल शर्मा, अध्यक्ष, नगर पालिका कानोड़