——- ये होगा लाभमेडिकल कॉलेज सिरोही के प्राचार्य डॉ. ललित रेगर ने बताया कि ऐसे विशषज्ञ सेवाओं से जुड़े चिकित्सकों का लाभ मरीजों को मिल सकेगा। खास बात ये है कि कई चिकित्सक ऐसे हैं, जो दूरदराज क्षेत्रों या गांवों में बतौर मेडिकल ऑफिसर कार्य कर रहे हैं, जबकि यदि वे किसी भी मेडिकल कॉलेज में सेवाएं देंगे तो इसका लाभ ज्यादा मरीजों को मिल सकेगा।
डॉक्टर्स को भी फायदाखास बात ये है कि यदि कोई चिकित्सक अपने जिले के मेडिकल कॉलेज में में जाना चाह रहा हो तो वह आसानी से जा सकेगा। साथ ही वह किसी अन्य जिले के मेडिकल कॉलेज में भी बतौर सहायक आचार्य कार्य कर सकेगा।
– विभिन्न जिलों में खुले मेडिकल कॉलेज में फिलहाल चिकित्सक शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए यह शुरुआत की जा रही है, इससे ना केवल मेडिकल कॉलेजों को चिकित्सक मिल सकेंगे बल्कि कई शोध में ऐसे विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपयोगिता भी बढ़ेगी।-
—- देना होगा सहमति पत्रजो चिकित्सक किसी अन्य जगह से किसी मेडिकल कॉलेज में पदस्थापित होना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से सरकार को अपना सहमति पत्र देना होगा, ताकि सरकार उनकी मंशा के अनुरूप उन्हें तय मेडिकल कॉलेज में भेज सकेगी।
—— ये सूची इसलिए तैयार की जा रही है ताकि यदि कोई गांव में केवल मेडिकल ऑफिसर के तौर पर ही कार्य कर रहा है तो इसका लाभ ज्यादा मरीजों को मेडिकल कॉलेजों में मिल सकेगा।
डॉ विपिन माथुर, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर