उदयपुर की इशा कोठारी ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और टीचर्स को देते हुए कहा कि इस सफलता के लिए नियमित पढ़ाई की। वे रोजाना 8 घंटे पढ़ाई करती थी। अगर किसी दिन ऐसा नहीं हो पाता था तो अगले दिन थोड़ी ज्यादा पढ़ाई करती थी। खास बात ये है कि इशा ने मोबाइल से दूरी बना रखी थी। ना ही उन्हें रील बनाने का शौक है और ना ही मोबाइल देखना पसंद है। अपने परिवार, दोस्तों और शिक्षकों से जुड़े रहने के लिए वो अपने मम्मी-पापा के फोन का इस्तेमाल किया।
इशा ने कहा कि पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन, सोशल मीडिया, परिवारिक समारोह और बर्थडे पार्टियों से भी दूरी बनाए रखी। घूमने फिरने से भी वो हमेशा दूर ही रहीं। इशा ने बताया कि बचपन से ही मेडिकल फील्ड में जाने का सपना देखा था। वे अपने परिवार में इकलौती ऐसी होंगी, जो मेडिकल फील्ड में कॅरियर बनाएंगी। इशा ने सक्सेस मंत्र बताते हुए कहा कि अपने लक्ष्य को ओझल ना होने दें और निरंतरता बनाए रखें।