गौरतलब है कि आरजेएस 2024 परीक्षा 23 जून को हुई थी, इसमें सेलेक्टेड अभ्यर्थियों को 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका मिला था। इसके बाद 16 अक्टूबर तक इंटरव्यू हुए और 27 अक्टूबर को परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया। इसमें कुल 222 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।
रिजल्ट आने के बाद पापा-मम्मी और मेरे घंटों तक नहीं रूके आंसू
आरजेएस में 11वीं रैंक हासिल करने वाली श्रेया गोयल ने बताया कि जैसे ही रिजल्ट का पता चला, वैसे ही हमारी आंखों से आंसू बह निकले। इतने सालों का इंतजार और कड़ी मेहनत का जो फल मिला है, उसके कारण घंटों तक जब बधाइयां मिलती रही तो आंसू भी बहते ही रहे। श्रेया ने बताया कि ये उनका दूसरा प्रयास था। पिछली बार वे इंटरव्यू तक पहुंची थी, लेकिन उनका चयन नहीं हो पाया। इसलिए इस बार जो भी कमियां रह गई थी, वह सब दूर की। इसमें माता-पिता, बड़े भाई और गुरु सत्येंद्रसिंह सांखला का मार्गदर्शन मिला। पिता जिनेंद्र कुमार गोयल, मंजू रानी गोयल शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। वहीं, बड़े भाई ने कभी भी हताश नहीं होने और लगातार मेहनत करते रहने का मंत्र दिया था जो काम आया।
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जानवी और पूजा ने भी पाई सफलता
शहर में स्थित उदावत क्लासेज की दो छात्राओं जानवी आहूजा और पूजा सूर्या ने भी आरजेएस परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर सफलता प्राप्त की। दोनों छात्राओं ने कड़ी मेहनत और समर्पण से यह मुकाम हासिल किया है, जिससे संस्थान और उनके परिवार में खुशी की लहर है। संस्थान के निदेशक डॉ. देवेन्द्र सिंह उदावत ने बताया कि जानवी और पूजा ने संस्थान के कुशल शिक्षकों द्वारा दिए गए मार्गदर्शन और अपनी लगन के बलबूते इस परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।हेड कांस्टेबल के बेटे नरेंद्र का भी चयन
मूलत: कुराबड़, गुड़ली और हाल गोवर्धन विलास निवासी नरेंद्रसिंह रायकवाल ने दूसरे प्रयास में आरजेएस में सफलता हासिल की है। नरेंद्र के पिता मोहनलाल रायकवाल यातायात विभाग में हैड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं। वहीं, उनकी माता मोना रायकवाल गृहिणी हैं। नरेंद्र ने एससी कैटेगरी में 147.5 अंक प्राप्त किए। आरजेएस में चयन होने पर परिवार में खुशी का माहौल छा गया। जोधपुर से लौटे नरेंद्र का माता-पिता, रिश्तेदार व मित्रों ने ढोल-नगाड़े के साथ स्वागत किया। नरेंद्र ने बताया कि वह बचपन से ही मजिस्ट्रेट बनना चाहता था। कॉलेज के दिनों से ही निरंतर अभ्यास करते रहे। गुरु डॉ. सत्येंद्रसिंह सांखला से मार्गदर्शन मिला। नरेंद्र के बड़े भई करण मेघवाल एवं भूपेन्द्र रयकवाल होटल इंडस्ट्री में हैं।