उदयपुर

भींडर पालिका में एसडीएम तो कानोड़ में तहसीलदार को ईओ का चार्ज, कैसे चले शहरी सरकार

नगरवासियों का कहना- राजस्व अधिकारी नहीं जानते नगर पालिका के कायदे, कार्य हो रहा बाधित, टूटी सड़कें, पेयजल संकट, कचरों के ढेर बने परेशानी का सबब, बेपरवाह बने जिम्मेदार

उदयपुरNov 16, 2024 / 06:51 pm

Shubham Kadelkar

कानोड़ नगर पालिका कार्यालय के बाहर खड़ा तहसीलदार का वाहन

कमला शंकर श्रीमाली/भींडर.कानोड़. इन दिनों भींडर व कानोड़ नगरपालिका में अधिशासी अधिकारी सहित कई पद रिक्त है। जिससे पालिका कार्यालय आने वाले लोगों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए नगर पालिकाओं के चक्कर काटने पड़ रहे है। टूटे पड़े मुख्य सड़क मार्ग जो राहगीरों को चोटिल कर रहे है, लेकिन किसी को परवाह नहीं है। नगरवासियों का कहना है कि भींडर नगर पालिका हो या फिर कानोड़, दोनों पालिकाओं में ईओ का अतिरिक्त प्रभार राजस्व विभाग के अधिकारियों को दे रखा है। भींडर नगर पालिका में एसडीएम रमेश बहेड़िया को अधिशासी अधिकारी का चार्ज दिया गया है तो वहीं कानोड़ में भींडर तहसीलदार सतीश चन्द्र पाटीदार को जिम्मा सौंपा गया है। जिससे तहसील कार्यालय में राजस्व कार्यों तो नगर पालिकाओं में लंबित कार्य प्रभावित हो रहे है। लोगों का कहना है कि राजस्व विभाग के अधिकारी को नगर पालिका एक्ट व नियमों की जानकारी नहीं है, पालिका की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करना तो दूर पालिकाओं में लंबित पड़े बिलों के भुगतान तक नहीं हो रहा है।

ना बिलों का भुगतान और ना ही मिल रही लंबित कार्यों को गति

नगरवासियों की मांग के बाद भले ही अधिशासी अधिकारी का चार्ज राजस्व अधिकारियों को दे दिया गया हो, लेकिन कोई लाभ होता नहीं दिख रहा है। जहां विकास कार्य अवरुद्ध पड़े हैं। वहीं छोटे-छोटे बिलों के भुगतान के लिए लोग नगर पालिका के रोज चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन किसी का भुगतान नहीं हो पाया है। यहां तक की कर्मचारी अनुभव प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर व कर्मचारियों के लंबित कार्य तक नहीं हो पा रहे हैं। पालिका के क्षेत्र में ना विकास को गति मिल पा रही है और ना ही कोई कार्य हो पा रहा है।

स्थायी अधिशासी अधिकारी की मांग

स्थानीय लोगों का कहना है कि या तो कोई काम करने वाला स्थायी अनुभवी अधिकारी की नियुक्ति की जाएं या फिर सरकार अधिशासी अधिकारी को ही लगाएं। जिससे अनुभव के साथ छोटे-छोटे कार्यों को लेकर लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। राजस्व अधिकारी को पंचायती राज विभाग में लगाने से अनुभव के अभाव में भी पालिका के कार्य बाधित हो रहे हैं। लोगों का मानना है कि जब तक अधिशासी अधिकारी को नहीं लगाया जाता, शहरी सरकार अपने कार्य को गति नहीं दे पाएगी।

कार्यकाल के 15 दिन ही शेष, कैसे होंगे काम

कानोड़ नगर पालिका का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। 28 नवंबर को पालिका अपने 5 वर्ष पूरे कर लेगी, प्रशासक की नियुक्ति होने का संकेत सरकार ने दे दिया है। पार्षदों की माने तो उनके वार्डों में वह अपने कार्यकाल में एक बल्ब तक नहीं लगा पाए हैं। जिसकी वजह नगर पालिका की अव्यवस्थाओं और लापरवाही का कारण बताया गया है। चार बार अध्यक्ष बदलने और 22 बार अधिकारी का बदल जाना नगर पालिका विकास कार्यों में सबसे बड़ा रोड़ा बना और आज भी लोग छोटे-छोटे कार्यों के लिए नगर पालिका के चक्कर लगाने को विवश है।

आरोप-प्रत्यारोप में ही निकल गया समय

भींडर हो या फिर कानोड़ नगर पालिका भ्रष्टाचार सुर्खियां बना रहा। कभी विपक्ष ने आरोप लगाए तो कभी अपनों के ही आरोप में शहरी सरकार गिरी रही। कानोड़ नगरपालिका में आरोपी नगरपालिका अध्यक्ष चंदा मीणा एसीबी के हाथों पकड़ी भी गई। इसके बाद भी लगातार कभी अतिरिक्त अधिशासी अधिकारी पर आरोप लगे, तो कभी नरेगा व अन्य सामग्री खरीद कार्य भ्रष्टाचार के संदेह में रहे। बीते दिनों कार्य नहीं होने से परेशान भाजपा के तीन पार्षद पानी की टंकी पर जा चढ़े थे।

इनका कहना है…

हस्ताक्षर मैच करवाने के लिए दिए गए है। यह होने के बाद कार्य सुचारू हो जाएगा, बिलों का भुगतान भी होगा। नगर पालिका एक्ट की जानकारी भी होती है, आदेशों की पालना की जा रही है।
सतीश चंद्र पाटीदार, तहसीलदार भींडर व अतिरिक्त ईओ, कानोड़

मैं आज हड़ताल पर हूं, इस संबंध में कल बात करेंगे।

-रमेश चंद्र बहेड़िया, एसडीएम भींडर व अतिरिक्त ईओ भींडर

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