बस सांचौर की होना सामने आया था, जबकि उसे एस्कॉर्ट कर रही कार गुजरात के नम्बर की है। अभी तक पुलिस कार की नम्बर प्लेट फर्जी मान नहीं थी, लेकिन इसमें भी चौंकाने वाली बात सामने आने की आशंका है। कार गुजरात के बनासकाटा आरटीओ से रजिस्टर्ड है, जो गणपतलाल पुत्र भागीरथ विश्नोई के नाम है।
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पेपर लीक माफियाओं में चालक नरेश कुमार पुत्र भागीरथराम विश्नोई को गिरफ्तार किया गया, जो कार के रजिस्टर्ड मालिक के परिवार से होने के संकेत हैं। कार 22 सितम्बर 2020 को रजिस्टर्ड कराई गई थी, जिसका पता बनासकांटा डीसा के कंसारी अंकित है। हालांकि 55 आरोपियों से पूछताछ के चलते पुलिस अभी कार के सिलसिले में जांच नहीं कर पाई है।
पूछताछ का क्रम जारी, रिमांड बढ़ा: पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए आरोपियों में 6 सरगना, 2 सहयोगी, 44 अभ्यर्थी और 3 डमी केंडिडेट हैं। कुल सभी 55 आरोपियों से पूछताछ का क्रम जारी है। पुलिस ने रविवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था, जहां से युवतियों को 2 और बाकी आरोपियों को 5 दिन के रिमांड पर भेजा। पूछताछ पूरी नहीं हो पाने की स्थिति में पुलिस ने दूसरे दिन सोमवार को पुन: युवतियों को कोर्ट में पेश करके दो दिन का रिमांड और मांगा है।
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दस्तावेजों में हेराफेरी की आशंका
अभी तक माना गया है कि राजस्थान की तुलना में गुजरात से कार खरीदने पर टैक्स की बचत होने के कारण कार गुजरात से खरीदी गई थी। राजस्थान निवासी की ओर से गुजरात में कार खरीद के लिए रेंट एग्रीमेंट बनाकर इस्तेमाल करना भी संभावित है। गुजरात के नम्बर की कार को वारदात में इस्तेमाल करना भी पुलिस को गुमराह करने का एक तरीका माना गया है।
दो-दो कमरे बुक करवाए
पेपर लीक आरोपियों ने सुखेर स्थित होटल में कुल चार कमरे बुक करवाए थे। होटल मालिक दिनेश ने बताया कि आइडी प्रूफ देखकर 4 रूम बुक किए गए। आरोपियों ने अभ्यर्थी बनकर 22 दिसम्बर को दो और 23 को दो अन्य कमरे बुक कराए थे। इन्हें कमरा नम्बर 207, 209, 303 और 305 दिए गए थे। पुलिस ने आरोपियों को दबोचने के साथ ही सीसीटीवी फुटेज लिए हैं।