उदयपुर

आरएनटी मेडिकल कॉलेज की धर्मशाला, दरक रही छत-दीवारें, सीलन से घुटन

राजेश कैंसर का मरीज है, वह अपने गांव से उपचार के लिए जब.जब आता है तो उसे कई दिनों तक आरएनटी मेडिकल कॉलेज RNT Medical College Udaipur के अधीन संचालित सेठ रामेश्वरलाल सहारिया धर्मशाला में रहना होता है। उसने बताया कि यहां वह रात भर तड़पता रहता है, खटमलों की भरमार वाले सीलन भरे बिस्तरों पर सोने की मजबूरी ने उसे और बीमार कर देती है। इसी तरह 52 वर्षीय सोहनी पति के उपचार के लिए यहां आती रहती है। उसने बताया कि बिस्तरों से उठने वाली बदबू से दम घुटने लगा है। कई बिस्तर तो फटे हुए हैं।

उदयपुरJul 06, 2019 / 02:49 pm

Bhagwati Teli

आरएनटी मेडिकल कॉलेज की धर्मशाला, दरक रही छत-दीवारें, सीलन से घुटन

उदयपुर. राजेश कैंसर का मरीज है, वह अपने गांव से उपचार के लिए जब.जब आता है तो उसे कई दिनों तक आरएनटी मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित सेठ रामेश्वरलाल सहारिया धर्मशाला में रहना होता है। उसने बताया कि यहां वह रात भर तड़पता रहता हैए खटमलों की भरमार वाले सीलन भरे बिस्तरों पर सोने की मजबूरी ने उसे और बीमार कर देती है। इसी तरह 52 वर्षीय सोहनी पति के उपचार के लिए यहां आती रहती है। उसने बताया कि बिस्तरों से उठने वाली बदबू से दम घुटने लगा है। कई बिस्तर तो फटे हुए हैं।

आरएनटी मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध महाराणा भूपाल हॉस्पिटल, MB hospital Udaipur जनाना हॉस्पिटल व बाल चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के परिजनों को कई दिनों तक धर्मशाला में रहना होता है। उन्हें गंदे व फटे.पुराने बिस्तरों पर सोने को मजबूर होना पड़ता है। इस धर्मशाला में गंदी एवं अव्यवस्था को लेकर जिम्मेदार एक.दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। गरीब तिमारदारों के लिए ट्रस्ट की ओर से बनाई गई यह धर्मशाला आज भी सस्ती दर पर आवास उपलब्ध करवाता है। इसमें दूर.दराज के गांवों से उपचार के लिए आने वाले मरीजों के तिमार कई दिनों तक रहते हैं।
पत्रिका टीम शुक्रवार को धर्मशाला पहुंची, जहां मौजूद एक केयरटेकर उदयसिंह ने बताया कि फिलहाल वह अकेले काम संभाल रहे हैं। दो बजे के बाद व्यवस्थापक अजीतसिंह आएंगे।

– मेरे पास काम ज्यादा होने की बात मैंने पिछली मीटिंग में प्राचार्य को कही थी। उन्होंने कहा था कि देखते हैं। लगातार काम होने से कई दिनों से वहां जा नहीं पाई हूं। हालांकि हम व्यवस्था ठीक करने का समय.समय पर प्रयास करते हैं। बीच में हमने कुछ बिस्तर की खरीद भी की थी। – डॉ मधुबाला चौहानए अधीक्षक जनाना व प्रभारी धर्मशाला
-यह तो प्रभारी की जिम्मेदारी है कि वह वहां की स्थितियों को बेहतर करें। काम तो सबके पास ज्यादा है।

– डॉ डीपी सिंह%

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