पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपित सेक्टर-14 नाकोड़ा निवासी प्रदीप पुत्र बलवंत गोयल, राम रहीम का अनंत भक्त होकर उसका राजदार है। बाबा के सभी महत्वपूर्ण काम अब तक वही निपटाता आया है। आरोपित प्रदीप के साथ हनप्रीत के होने की सूचना पर दो दिन पूर्व हरियाणा की सिरसा पुलिस एवं क्राइम ब्रांच की टीम दिन उदयपुर पहुंची थी। टीम बिना किसी को सूचना के टीम अपने स्तर पर उनकी तलाश में जुटी रही। सफलता नहीं मिलने पर उच्च स्तर से स्थानीय पुलिस अधिकारियों को सूचना दी गई। बाद में एएसपी सुधीर जोशी के निर्देशन में स्पेशल टीम प्रभारी सीआई शैतानसिंह व कांस्टेबल प्रहलाद व अखिलेश ने दबिशें देकर आरोपित को सीए सर्किल से दबोचा।
राम रहीम को सजा होने से पूर्व उसके कई समर्थक पंचकूला में एकत्रित हुए थे। इन समर्थकों में उदयपुर व राजस्थान के कई जिलों के लोग भी शामिल थे। दंगा भडकऩे के बाद भीड़ में उदयपुर के कुछ आदिवासी युवक पकड़ में आए तो सारे राज खुल गए। उन्होंने बताया कि प्रदीप ने दलालों के मार्फत झाड़ोल के आदिवासी युवकों को एकत्रित किया था। उन्हें पंचकूला जाकर बाबा को प्रवचन सुनने व भक्त बनने पर 25-25 हजार रुपए देने का लालच दिया गया। गरीब लोग पैसों के लालच में आ गए, तो प्रदीप ने एक पूरी बस की व्यवस्था कर उन्हें पंचकूला भिजवाया। रास्ते में उनके खाने-पीने की समस्त व्यवस्था प्रदीप व उसके दलालों ने ही की। पंचकूला में बाबा को न्यायालय द्वारा दोषी करार देने के बाद भडक़े दंगे में कई आदिवासी वहां आरोपितों की सूची में शामिल हो गए।
आरोपित प्रदीप की मोबाइल की लोकेशन बार-बार बदलने पर टीम ने शहर की समस्त नामचीन होटलों व पोश इलाकों में छापे मारे। धरपकड़ की आशंका के चलते प्रदीप के लगातार अपना ठिकाना बदलने पर टीम ने उसके घनिष्ठ ऑटोपाट्र्स के दुकानदार को पकड़ा। उससे जानकारी व वार्ता करवाकर टीम ने शाम करीब 5.30 बजे आरोपित सेक्टर-14 सीए सर्कल पर धरदबोचा।