‘तेंदुआ पकड़ने के लिए कोई प्रयास नहीं हुए’
पीसीसी चीफ गोंविद सिंह डोटासरा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा कि, भाजपा सरकार की असंवेदनशीलता, अनदेखी और लापरवाही जनता के लिए जानलेवा साबित हो रही है। उदयपुर में दहशत का पर्याय बन चुका आदमखोर तेंदुआ एक महीने में 9 लोगों की जान ले चुका है। इलाके के 20 गांवों में डर और दहशत का माहौल है लेकिन सरकार ने न तो तेंदुआ पकड़ने के लिए कोई सार्थक योजना बनाई, और न ही सरकार की जंगली जानवरों के हमले में मौत को लेकर कोई नीति है। डोटासरा ने पिछली सरकार के समय दिए गए मुआवजे को लेकर कहा कि, अलग-अलग मामलों में अलग-अलग मुआवजा दिया गया है। 5 साल पहले करौली के सपोटरा में टाइगर टी 104 ने एक युवक की जान ले ली, तब सरकार ने 5 लाख रुपए मुआवजा एवं विधवा पेंशन व पालनहार योजना का लाभ दिया था। 2023 में सवाई माधोपुर में बाघ के हमले से मौत के मामले में मृतक परिवार को 18 लाख रुपए मुआवजा देने पर सहमति बनी थी।
यह भी पढ़ें
उपचुनावों से पहले CM भजनलाल ने ‘मानगढ़ धाम’ को दी बड़ी सौगात, अब बिरसा मुंडा की जन्मस्थली जाना होगा आसान
कोई सुध लेने वाला नहीं- डोटासरा
इसके साथ ही केन्द्रीय वन मंत्री और भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, उदयपुर में लेपर्ड के हमले में कई जिंदगियां जा चुकी है लेकिन भाजपा सरकार की ओर से न तो उचित मुआवजा दिया गया, न मुआवजे को लेकर एक समान नीति बनाई गई और न ही तेंदुए को पकड़ने का कोई ठोस प्रयास हुआ। लोगों की जिंदगी दहशत में है और नीति बनाने वाले गफलत में हैं। इससे भी ज्यादा शर्मनाक ये है कि केंद्र में बैठे वन मंत्री राजस्थान से हैं, फिर भी कोई सुध लेने वाला नहीं है।नरभक्षी तेंदुआ अभी पकड़ से दूर
गौरतलब है कि उदयपुर के गोगुंदा के जंगलों में पिछले कई दिनों से तेंदुए ने आतंक मचाया हुआ है। तेंदुए द्वारा लगातार इंसानों पर हमले किए जा रहे है। अभी तक आदमखोर तेंदुआ 9 लोगों की जान ले चुका है। इसको पकड़ने के लिए वन विभाग के साथ-साथ सेना के जवान भी कई दिन से जुटे हुए है, लेकिन अभी तक सफलात हाथ नहीं लगी है। वन विभाग के इन प्रयासों में कुछ तेंदुए पकड़े भी गए हैं, लेकिन नरभक्षी तेंदुआ अभी पकड़ से दूर है। यह भी पढ़ें